मध्य प्रदेश:-इंसान और जानवर दोनों एक ही गड्ढे के पानी को पीने के लिए मजबूर हो चुके हैं।[Wikimedia Commons] BUIOBUIONE
मध्‍य प्रदेश

मध्य प्रदेश में इंसान और जानवर एक साथ जीने और मरने के लिए हो गए हैं मजबूर

मध्य प्रदेश के कुछ गांव में स्थिति ऐसी है कि जहां पीने को साफ पानी भी नहीं है इंसान और जानवर दोनों एक ही गड्ढे के पानी को पीने के लिए मजबूर हो चुके हैं।

Sarita Prasad

देश चाहे कितना भी तरक्की कर ले हम भले ही चांद पर क्यों न पहुंच जाए लेकिन यदि उसे चांद पर पहुंचने की नींव सही नहीं है तो उसका महत्व भी खत्म हो जाता है। हमें देश दुनिया को देखने से पहले अपने देश के ही शहरों को और उनके हालातो को सुधारने की जरूरत है और हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मध्य प्रदेश के कुछ गांव में स्थिति ऐसी है कि जहां पीने को साफ पानी भी नहीं है इंसान और जानवर दोनों एक ही गड्ढे के पानी को पीने के लिए मजबूर हो चुके हैं। तो चलिए इससे जुड़ी पूरी घटना आपको बताते हैं।

एक गड्ढे पर निर्भर इंसान और जानवर

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित नर्मदा नदी के किनारे बसा गांव बीजापुरी के बारे में। यहां की आबादी लगभग 350 है और इसमें करीब 150 मतदाता है। यहां की ग्रामीण आज भी आदिमानव की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं। इस गांव में लोगों के चलने लायक सड़क तक नहीं है, सड़क तो दूर की बात पीने को साफ पानी तक नहीं है। गांव में दिखावे के लिए नल लगा हुआ है पर उसे नल से कभी भी पानी टपक ही नहीं। अब स्थिति कुछ ऐसी हो गई है झिरिया रूपी गड्ढे से इंसान और जानवर दोनों एक ही गड्ढे के पानी को पीने के लिए मजबूर हो चुके हैं।

यहां की ग्रामीण आज भी आदिमानव की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं। इस गांव में लोगों के चलने लायक सड़क तक नहीं है, [Wikimedia Commons]

बारिश में क्या हाल होता है

बारिश में तो दुर्गति और भी ज्यादा बढ़ जाती है। क्योंकि नर्मदा नदी के किनारे बसे इस गांव के लोग बारिश के समय नदी नाले उफान पर होने के कारण बूंद बूंद पीने के पानी को भी मोहताज हो जाते हैं। वहीं अब अधिकारियों से इस बारे में बात की गई तो हमेशा की तरह वही रत रतिया जवाब मिला कि दिखावा के करवाई करते हैं फुल स्टार अब यह भी देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जब नेता वोट मांगने इस गांव में जाएंगे तो यहां के रहवासी के लिए क्या सौगात देकर जाते हैं वैसे राजनीति में कहा भी जाता है कि जब-जब चुनाव आता है चावल मांगो पुलाव आता है।

बारिश के समय नदी नाले उफान पर होने के कारण बूंद बूंद पीने के पानी को भी मोहताज हो जाते हैं।[Wikimedia Commons]

चुनावी हाल

अब जैसा कि आप सबको पता ही है कि मध्य प्रदेश में चुनाव सर पर है। ऐसे में इस चुनावी मौसम में हमारे नेता गण वोट के खातिर उसे गांव तक जाने को भी मजबूर है जहां हमारे माननीय आज तक लोगों को पीने का साफ पानी मुहैया नहीं करवा पाए। देखना यह दिलचस्प होगा कि इस गांव का हाल यह नेतागण सुधार पाएंगे या नहीं।

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी

'कैप्टन कूल' सिर्फ नाम नहीं, अब बनने जा रहा है ब्रांड!