इन जिलों में मदुरै, रामनाथपुरम, कृष्णागिरि, धर्मपुरी, सलेम, तिरुपत्तूर, नमक्कल, तिरुचिरापल्ली, डिंडीगुल, थेनी, विरुधुनगर और शिवगंगा शामिल हैं। यहां गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है।
ताज़ा बुलेटिन के अनुसार शनिवार को राज्य के कई हिस्सों में बारिश दर्ज की गई। कृष्णागिरि जिले के होसुर में सबसे अधिक 12 सेंटीमीटर बारिश हुई। डिंडीगुल में 11 सेंटीमीटर, जबकि विलुपुरम जिले के अवलुरपेट और सेम्मेडु में 10 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज हुई।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण भारत (South India) और तमिलनाडु (Tamil Nadu) के आस-पास बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से बारिश हो रही है। यह प्रणाली बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी खींच रही है, जिससे गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बढ़ गई है।
सोमवार से 10 अक्टूबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में हल्की से मध्यम बारिश भी जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कुछ संवेदनशील जिलों में अचानक तेज बारिश से निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है।
अगले 48 घंटों में तापमान में भी बदलाव देखने को मिलेगा। लगातार बादल छाए रहने और बारिश के कारण कुछ जिलों में दिन के अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की उम्मीद है, जबकि कुछ अंदरूनी हिस्सों में 2-3 डिग्री तक बढ़ सकता है।
अधिकारियों ने जनता से सतर्क रहने और जलभराव वाले इलाकों से बचने का आग्रह किया है, जबकि किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में काम और कटाई की योजना मौसम को देखते हुए करें।
बारिश प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन टीमें तैयार रखी गई हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि वह हालात पर लगातार नजर रखेगा और समय-समय पर जानकारी साझा करेगा। नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे केवल सरकारी चैनलों और मौसम ऐप्स से ही अलर्ट देखें।
(BA)