वाराणसी में बिजली का उत्पादन करेगा जलकल विभाग (Wikimedia Commons)

 
उत्तर प्रदेश

वाराणसी में बिजली का उत्पादन करेगा जलकल विभाग

जलकल विभाग जल वितरण के साथ ही अब बिजली का भी उत्पादन करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी(Varanasi) में सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन 24 मार्च को करने जा रहे हैं

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: जलकल विभाग जल वितरण के साथ ही अब बिजली का भी उत्पादन करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी(Varanasi) में सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन 24 मार्च को करने जा रहे हैं। दो मेगावाट प्रतिदिन बिजली उत्पादन करके जलकल विभाग का बिजली का बिल 30 प्रतिशत कम हो जायेगा। इस परियोजना की लागत 17.24 करोड़ रुपए है। इसके अलावा प्रधानमंत्री काशी की पौराणिक मान्यता वाली 3 अंतगृर्ही यात्रा के पथ के पुनर्विकास का लोकार्पण भी करेंगे। नवरात्रि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन सुविधाओं से जुडी 1,779.66 करोड़ की 28 विकास की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

वाराणसी के जलकल विभाग में सौर ऊर्जा को लेकर अभूतपूर्व काम हुआ है, जिससे जलकल विभाग सिर्फ बिजली ही नहीं बचाएगा, बल्कि बिजली को बेचेगा भी। जल निगम के अधिशासी अभियंता शहरोज दोस्त ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 17.24 करोड़ रुपए है। इसमें 14,400 स्क्वायर मीटर में करीब 3700 से अधिक सोलर पैनल लगाए गए हैं। इसमें 40 सोलर ट्री हैं। एक सोलर ट्री पर 10 सोलर पैनल लगे होंगे।


भगवान शंकर के त्रिशूल के आकार के अनुरूप काशी तीन खंडों में बसी है। जिसे विशेश्वर खंड, केदारेश्वर खंड और ओंकारेश्वर खंड के नाम से जाना जाता है। तीनों खंडों में पौराणिक महत्व वाले करीब 301 मंदिर मौजूद हैं। सनातन धर्म को मानने वाले इन तीनों खंडों की अंतरगृही परिक्रमा करते हैं। ऐसी मान्यता है की इस यात्रा से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तीनों अंतरगृही यात्राओं में पड़ने वाले देवस्थलों व मंदिर परिसर का 3.08 करोड़ में जीर्णोद्धार करा दिया है। इन मार्गों में मौजूद मंदिरों पर लिखे गए नाम के साथ ही क्यूआर कोड भी है, जिससे मंदिर की संपूर्ण जानकारी मिल सकती है।

--आईएएनएस/VS


भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपी है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह

जहां धरती के नीचे है खजाना, वहां ऊपर क्यों है गरीबी का राज? झारखंड की अनकही कहानी