नहीं मिलेगा नोएडा और गाजियाबाद की जनता को गंगाजल IANS
उत्तर प्रदेश

दिवाली पर नहीं मिलेगा नोएडा और गाजियाबाद की जनता को गंगाजल

लगभग 1 महीने की यह परेशानी लोगों को झेलनी पड़ती है लेकिन इसका कोई ठोस उपाय आज तक न गाजियाबाद प्रशासन और न ही नोएडा प्रशासन की तरफ से निकाला गया।

न्यूज़ग्राम डेस्क

बिन पानी सब सून यह कहावत हमने बहुत बार सुनी है। लेकिन इसका सही मतलब और महत्व वही बता सकता है जिसको गंगा जल सप्लाई पानी अगले 20 दिनों तक नहीं मिलेगा। नोएडा और गाजियाबाद के कई सेक्टरों की करीब 20 लाख जनता को गंगा जल पानी की सप्लाई की जाती है। इस बार लोगों को दिवाली में भी गंगा सप्लाई वॉटर नहीं मिलेगा जिसके कारण आम जनता परेशान रहेगी। हर साल गंगा नहर की सफाई होने के कारण लगभग 1 महीने की यह परेशानी लोगों को झेलनी पड़ती है लेकिन इसका कोई ठोस उपाय आज तक न गाजियाबाद (Ghaziabad) प्रशासन और न ही नोएडा (Noida) प्रशासन की तरफ से निकाला गया। वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (Water Treatment Plant) बनाने की बात जरूर की गई, टेंडर कई बार निकाले गए लेकिन हुआ कुछ नहीं।

उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) का शो विंडो नोएडा और गाजियाबाद, सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले जिले है, बावजूद इसके यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं से जूझती दिखाई देती है। जिसमें स्वच्छ पीने के पानी की किल्लत साफ देखी जा सकती है। और जब लोगों को साफ पीने का पानी ही नहीं मिलेगा तो उन्हें कई तरीके के परेशानियों से रूबरू होना पड़ेगा। गाजियाबाद और नोएडा के कई सेक्टर ऐसे हैं जिन्हें आज तक गंगा जल सप्लाई वाटर मिला ही नहीं और वहां पर पानी का टीडीएस (TDS) इतना ज्यादा है कि अगर आप उसे पी लें तो आप तुरंत बीमार पड़ जाएंगे। अस्पताल में एडमिट होने तक की नौबत आ सकती है। नोएडा के सेक्टर 93 में पानी का टीडीएस 1400 से ऊपर रहता है। जबकि विशेषज्ञों की मानें तो पानी का टीडीएस 50 से लेकर 150 तक होना चाहिए। तभी वह पानी पीने योग्य होता है। यह हाल सिर्फ नोएडा के सेक्टर 93 का नहीं है, यह हाल नोएडा के बहुत सारे सेक्टर्स का है। जहां लोग मूलभूत सुविधा जो कि पानी है उसके लिए जूझ रहे हैं। लोग पानी का बिल भी भरते हैं पैसे भी जमा करते हैं, लेकिन उन्हें स्वच्छ पानी पीने को नसीब नहीं होता।

*क्यों बंद होती है गंगाजल की सप्लाई*

हर साल दशहरे (Dusshera) के समय गंगाजल (Gangajal) की सप्लाई प्रभावित होती है। इस समय नहर में सिल्ट (Silt) की सफाई के लिए नहर को बंद कर दिया जाता है और बाकायदा एक नोटिस जारी होता है कि कब से लेकर कब तक यह नहर बंद रहेगी। अमूमन छठ पूजा (Chath Pooja) के आसपास नहर में पानी छोड़ा जाता है। हर साल बरसात के बाद पहाड़ों से आने वाले रेत मलबे इत्यादि को रोकने के लिए नहर को बंद किया जाता है नहीं तो इसके कारण मशीनरी खराब होने का डर रहता है। कई बार नहर में अत्यधिक गाद होने से गंगाजल प्लांट तक को बंद कर देना पड़ता है।

उत्तरप्रदेश जल निगम

*किस क्षेत्र को कितना मिलता है पानी*

गंगा जल सप्लाई की बात करें तो गाजियाबाद के प्रताप विहार (Pratap Vihar) में गंगाजल के दो प्लांट हैं। जिनसे गाजियाबाद और नोएडा के कई सेक्टर्स को गंगा जल सप्लाई किया जाता है। इनमें एक पानी के प्लांट की क्षमता 100 क्यूसेक है और दूसरे प्लांट की क्षमता 50 क्यूसेक है। 100 क्यूसेक वाले प्लांट से 80 क्यूसेक नोएडा को, 15 क्यूसेक इंदिरापुरम (Indirapuram) को और 5 क्यूसेक सिद्धार्थ विहार (Siddharth Vihar) को गंगाजल मिलता है। जबकि 50 क्यूसेक प्लांट से 23 क्यूसेक वसुंधरा (Vasundhra) को, 20 नोएडा को और 7 क्यूसेक गंगाजल इंदिरापुरम को मिलता है।

*क्या कहते हैं डॉक्टर*

जनरल फिजिशियन (General Physician) डॉक्टर अमित कुमार (Amit Kumar) ने आईएएनएस से बताया ज्यादा टीडीएस वाले पानी पीने से बच्चों और युवाओं में पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादा टीडीएस वाला पानी या खराब पानी पीने से बच्चे बड़े बुजुर्ग सभी कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं जिनमें पेट दर्द बुखार आना स्किन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। ज्यादा टीडीएस वाले पानी में सोडियम, क्लोराइड, आयरन, क्लोराइड, कैलशियम, मैग्निशियम और नाइट्रेट जैसे पदार्थ होते हैं। यह मानव शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

आईएएनएस/PT

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