उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) को स्वच्छ प्रदेश बनाने की मुहिम में जुटे सीएम योगी की मंशा के अनुरूप उनकी टीम लगातार अभियान चला रही है। इसी क्रम में अब स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) नगरीय के अंर्तगत 'प्रतिबद्ध: 75 जनपद, 75 घंटे, 750 निकाय' अभियान एक दिसंबर से शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के तहत प्रदेश के 750 निकायों में कूड़ा एकत्रीकरण के दृष्टिगत संवेदनशील स्थानों 'गार्बेज वल्नरेबल प्वाइंट्स' को पूर्णतया विलोपित कर स्वच्छ स्थान में परिवर्तित करने की योजना है। इस अभियान को गति देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन नगर निकाय निदेशालय की ओर से सभी नगर आयुक्तों को पत्र के जरिए समयसीमा के अंदर अभियान चलाकर उद्देश्य की पूर्ति के निर्देश जारी किए गए हैं। इन स्थानों पर सफाई के बाद सौंदर्यीकरण भी होगा और कई स्थानों को सेल्फी पॉइंट (Selfie Point) के तौर पर विकसित किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन, उत्तर प्रदेश की निदेशक नेहा शर्मा द्वारा सभी नगर आयुक्तों एवं अधिशासी अधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी किया गया है। पत्र में अभियान से जुड़े सभी दिशा निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन-नगरीय, भारत सरकार द्वारा आजादी के 75 अमृत महोत्सव के अंतर्गत अंतिम माह के उपलक्ष्य में 'प्रतिबद्ध 75 जनपद 75 घंटे 750 निकाय' अभियान एक दिसंबर 2022 से शुरू किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त 750 निकायों में कूड़ा एकत्रीकरण के दृष्टिकृत संवेदनशील स्थान (गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स) को पूर्णतया (स्थायी रूप से) विलोपित कर स्वच्छ स्थान में परिवर्तित कराया जाना है। अभियान की शुरूआत योजनाबद्ध प्रचार-प्रसार के साथ की जानी है। इसके लिए नगरीय निकाय स्तर पर गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स को चिन्हित कर आवश्यक संसाधन व कार्य सुनिश्चित करना होगा। यह भी निर्देश दिया गया है कि अभियान का समापन समारोह जिलाधिकारी के मार्गदर्शन एवं अध्यक्षता में आयोजित किया जाना सुनिश्चित हो।
नगर निकायों को जो निर्देश जारी किए गए हैं, उसमें कहा गया है कि अभियान के सफल संचालन हेतु आवश्यकता का आंकलन कर ट्रक, जेसीबी, मैजिक आदि संसाधनों की व्यवस्था निकायों द्वारा पूर्व में ही कर ली जाए। मिशन मोड में संचालित अभियान की रिकॉर्डिंग एवं डॉक्यूमेंटेशन भी किया जाए। इसके लिए संसाधन जैसे- डीएसएलआर कैमरा, ड्रोन इत्यादि की भी व्यवस्था की जाएं। अभियान हेतु आईईसी के माध्यम से स्थानीय लोगों में व्यापक जन जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार भी आवश्यक है। उपलब्ध संसाधनों का उचित आकलन कर आवश्यकतानुरूप मैनपावर का प्रबंधन भी करना अनिवार्य है, ताकि गतिविधि को पूर्ण मनोयोग से सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके। अभियान के तहत समस्त नगरीय निकायों से अपेक्षा की जाती है कि सर्वप्रथम अपने निकाय में समस्त गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स को पुन: चिन्हित करते हुए 1 दिसंबर 2022 से तीन दिसंबर 2022 तक संचालित इस अभियान के अंतर्गत इनका स्थायी रूप से विलोपन की समस्त सुव्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। विलोपन किए गए गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स से प्राप्त कूड़े को गीले और सूखे कूड़े के रूप में अलग किया जाए एवं शेष कूड़े का वैज्ञानिक विधि द्वारा निस्तारण कराना सुनिश्चित हो। साथ ही प्लास्टिक, बोतल, कॉच इत्यादि का आंकलन कर प्राप्त आंकड़ों का डॉक्यूमेंट कर निकाय स्तर पर सुरक्षित करें।
अभियान के बाद निकाय द्वारा गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स का (विलोपन से पूर्व एवं विलोपन के बाद) का उच्च गुणवत्ता व जियो टैग फोटो राज्य मिशन निदेशालय की ईमेल पर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही 'प्रतिबद्ध 75 जनपद 75 घंटे 750 निकाय' अभियान के अन्तर्गत की गई गतिविधियों की विडियोग्राफी कराना भी सुनिश्चित किया जाए। अभियान के सम्पादन हेतु सफाई संवर्ग के अधिकारियों/पदाधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन नगरीय में जनपद स्तर पर कार्यरत ड्रिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एवं ड्रिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सभी जीवीपीएस के आस-पास के जनमानस को सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से जागरूक करें कि यह कार्य स्वच्छता की ओर परिवर्तन का संकेत है।
पत्र में ये भी निर्देशित किया गया है कि सभी विलोपित जीपी जीवीपीएस का इस प्रकार से सौंदर्यकरण किया जाए जैसे कि सेल्फी प्वांइट्स, रेहड़ी पटरी वालों को जगह आवंटित करना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेंच की व्यवस्था एवं पेड़ व गमला लगाना इत्यादि। इस स्थान को एक नजीर के रूप में विकसित किया जाए और हो भविष्य में भी इसकी निरंतरता को बनाए रखा जाएं, ताकि लोग यहां कूड़ा फेंकने की बजाय अपना कीमती समय व्यतीत करें।
अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निकायों को तीन मुख्य श्रेणियों क्रमश: नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत में जनसंख्या आधारित पांच उप श्रेणियों के अंतर्गत राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार की राशि क्या होगी, फिलहाल इस बाबत जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन प्रत्येक श्रेणी में शीर्ष तीन निकायों को पूरे प्रदेश में प्रचारित किया जाएगा और दूसरे निकायों के लिए उन्हें आदर्श निकाय बनाया जाएगा।
आईएएनएस/PT