यूपी के मेडिकल कॉलेजों की दशा सुधारने की दिशा में अहम कदम उठाया है। मेडिकल कॉलेज व संस्थानों में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की भर्ती के रास्ते खोले दिए गए हैं। इससे अच्छे डॉक्टर तैयार होंगे। वहीं मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। नए पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई। प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल खोलने की कवायद चल रही है। प्रदेश में 35 मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर भी मेडिकल कॉलेज (Medical college) खोले जा रहे हैं। इससे मरीजों को इलाज के लिए अधिक सफर नहीं तय करना होगा। मरीज को उनके जिले में ही विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि मरीजों को बेहतर इलाज संग बेरोजगारों को नौकरी भी मिलेगी। प्रदेश सरकार अपने वादे को पूरा करने के लिए तत्पर है।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 45000 से अधिक पदों के सृजन किया जा चुका है। अब सुपर स्पेशियालिटी संस्थानों में पदों का सृजन किया गया है। 10042 पदों का सृजन किया गया है। इसमें 1256 फैकल्टी व 8786 नर्स, पैरामेडिकल व लिपिक संवर्ग के पदों का सृजन किया गया है। अकेले लोहिया संस्थान में 3862 नए पद स्वीकृत किए गए हैं। इसमें 803 शैक्षणिक व 3059 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया है। चरणबद्ध तरीके से भर्तियां होंगी।
आईएएनएस/RS