न्यूज़ग्राम हिंदी: सांस्कृतिक विविधताओं से भरा उत्तर प्रदेश जहां देश की सबसे ज़्यादा आबादी बस्ती है, आज अपनी स्थापना का दिवस मना रहा है। भले ही यूपी को स्थापित हुए लंबा समय बीत गया हो लेकिन इस दिवस को मानाने की शुरुआत 2018 में ही हुई है। इस मौके पर जानिए यूपी के नामकरण की कहानी।
आपको बता दें कि साल 1834 तक यह राज्य बंगाल के हिस्से में आता था, इस समय तक भारत में 3 सूबे थे। आगे चलकर चौथे सूबे का गठन किया गया जिसकी राजधानी के रूप में आगरा को चुना गया। 1858 में लार्ड केनिंग ने आगरा से बदलकर इस सूबे के शासन शक्ति को इलाहाबाद में स्थानांतरित किया और इस उत्तर-पश्चिमी हिस्से का नाम 'अवध' पड़ा। 1902 में पुनः इस नाम को बदलकर 'यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध' कर दिया गया।
नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तरप्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं
आगे वर्ष 1935 में सम्पूर्ण कार्यालय लखनऊ में शिफ्ट कर दिया गया और इस प्रकार लखनऊ प्रदेश की राजधानी बन गया। 24 जनवरी 1950 को भारत की आज़ादी के बाद संविधान के अधीन इसका नाम बदलकर 'उत्तर प्रदेश' कर दिया गया। साल 2018 में पहली बार 'उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस' की शुरुआत की गयी।
आज इस मौके पर PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तरप्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि 'उत्तर प्रदेश दिवस पर यहां के लोगों को ढेरों शुभकामनाएं। बीते कुछ वर्षों में राज्य के विकास ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यूपी के लोगों ने कई क्षेत्रों में मिसाल कायम की है। मैं देश की प्रगति में अहम योगदान दे रहे इस प्रदेश की निरंतर समृद्धि की कामना करता हूं।'
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 'सांस्कृतिक विरासत और अध्यात्म की धरा उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं। मोदी जी की कल्याणकारी योजनाओं व विकास की नीतियों को नीचे तक ले जाकर उत्तर प्रदेश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की निरंतर प्रगति व प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना करता हूं।'
आईएएनएस/ VS