Nainital : देवों की नगरी उत्तराखंड अपनी भौगोलिक स्थिति, परम्परा, रीति रिवाजों के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि यहां के कण-कण में देवों का वास है। यहां के हिमालयी इलाकों में कई कुंड और प्राकृतिक झीलें मिलती है, जिनका वर्णन पुराणों में भी मिलता है। उत्तराखंड के चमोली जिले में प्रसिद्ध रूपकुंड झील स्थित है लेकिन इसके अलावा उत्तराखंड के नैनीताल के पास एक ऐसा झील भी है जिसका पानी का रंग पूरे सालभर बदलता रहता है। जिस वजह से इस झील को भी ‘रहस्यमयी’ और ‘रंग बदलने’ वाली झील के नाम से जाना जाता है।
नैनीताल जिले में नैनीझील के अलावा भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल, कमल ताल, गरुड़ ताल सहित और भी बहुत झीलें मौजूद हैं। इन्हीं में से एक झील है खुर्पाताल झील। यहां के जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर यह झील स्थित है। खुर्पाताल झील रंग बदलने के कारण मशहूर है।
उत्तराखंड के नैनीताल स्थित डीएसबी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ. ललित तिवारी ने बताया कि समुद्रतल से लगभग 1635 मीटर की ऊंचाई पर रंग बदलने वाली खुर्पाताल झील स्थित है। यह झील घोड़े की नाल की तरह दिखता है। प्रोफेसर तिवारी बताते हैं कि इस तालाब में माैजूद शैवाल के कारण इसका पानी रंग बदलता है। शैवाल के पिगमेंट का रंग नीला, धानी हरा, भूरा और हल्का लाल होता है। जब सूर्य की किरणें इन शैवालों पर पड़ती है तो परावर्तन के कारण पानी का रंग अलग - अलग दिखाई देता है।
प्रोफ़ेसर डॉ. ललित तिवारी ने आगे इस झील के बारे में बताया कि यदि पानी का रंग नीला है तो एल्गी की मात्रा बेहद कम है और पानी पीने योग्य शुद्ध है। यदि पानी का रंग हरा है तो एल्गी की मात्रा अत्यधिक है और यदि पानी का रंग भूरा है तो इसका कारण झील के चारों तरफ स्थित पेड़ पौधों की छाया है। वहीं सर्दियों के मौसम में इस झील का पानी गुनगुना रहता है। इस झील की इसी अनोखी खासियत के कारण यहां पर्यटक दूर - दूर से घूमने आते हैं।