ऑल्टो कार में चलता फिरता ढाबा (सांकेतिक चित्र) Wikimedia
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यहां का खाना है खूब स्वादिष्ट! ऑल्टो कार में चलता फिरता ढाबा

जम्मू (Jammu) में एक शख्स और उसकी पत्नी ने अपनी ऑल्टो कार में 'विष्णु ढाबा' (Vishnu Dhaba) शुरू किया ।

न्यूज़ग्राम डेस्क

सड़कों के किनारे हम सभी ढाबे देखते हैं, लेकिन मारुति ऑल्टो कार में शायद ही कभी हमने एक ढाबा देखा हो, एक ढाबा (ऑल्टो कार में चलता फिरता ढाबा) जहां आपको घर का ताजा खाना खाने को मिले।

जम्मू (Jammu) में एक शख्स और उसकी पत्नी ने अपनी ऑल्टो कार में 'विष्णु ढाबा' (Vishnu Dhaba) शुरू किया, जो पिछले डेढ़ महीने में टॉप शेर खानियां इलाके में काफी लोकप्रिय हो गया है और हर दिन दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक खुलता है।

कठुआ (Kathua) जिले के बिलावर इलाके की रहने वाली ममता शर्मा जम्मू के बिक्रम चौकी (Bikram Chowki) इलाके में अपने दो बच्चों और पति के साथ रोज ढाबा लगाती हैं।

उसका पति एक योजना के तहत पॉलिटेक्निक कॉलेज (Polytechnic College) में दिहाड़ी पर काम करता था, जिससे उसे प्रति माह 7,000 रुपये मिलते थे, लेकिन कुछ दिन बाद नौकरी छूट गई।

शर्मा ने कहा, नौकरी छूटने के बाद मेरे पति पर मुसीबत आ गई, बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। मकान का किराया देना मुश्किल था।

उन्होंने कहा, कठिनाईयों को बढ़ता देख मैंने अपने पति से कहा कि मैं स्वादिष्ट खाना बना सकती हूं, क्यों न एक ढाबा खोला जाए। मैंने इसके लिए उपयुक्त जगह की तलाश शुरू की, लेकिन शिकायतों की अधिक संख्या के कारण यह संभव नहीं था। फिर मेरे दिमाग में एक ऑल्टो कार (Alto Car) इस्तेमाल करने का आइडिया आया और यह आइडिया काफी अच्छा साबित हुआ।

खाने का सांकेतिक चित्र

ममता शर्मा (Mamta Sharma) ने कहा, शुरूआत में मैं मुश्किल से 100 रुपये रोज कमा पाती थी, फिर एक दिन लोग उस कार पर आने लगे जिसे हम एक पेड़ के नीचे पार्क करते थे। आज रोज दोपहर 12 से 4 बजे लोग मेरे यहां भोजन के लिए आते हैं, जिससे मेरे घर का भी पेट पल रहा है।

भोजन में 'राजमा', 'चना दाल', 'छोले दाल', 'कड़ी', 'अंबल' और 'चावल', अचार और करी शामिल हैं। एक फुल प्लेट की कीमत 50 रुपये और हाफ प्लेट की कीमत 30 रुपये है।

उनके पति नीरज शर्मा (Neeraj Sharma) ने कहा कि यहां खाने की सबसे अच्छी बात यह है कि यह घर पर बना खाना है। हमारे अंदर काम करने का जुनून होना चाहिए। हम सम्मान, धन कहीं भी कमा सकते हैं। भगवान का शुक्र है, हमने कोशिश की।

आईएएनएस/PT

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