न्यूजग्राम हिंदी: हिन्दू धर्म में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जिनसे जुड़ा इतिहास आपको रोमच से भर देगा। उनमें छुपे रहस्यों की पोथी खोलने अगर हम बैठ जाएं तो हम खुद भी भौचक्के रह जाएंगे। यहाँ तक की जो विज्ञान भगवान के अस्तित्व को शक करता है वह भी इन रहस्यों पर जांच-पड़ताल करने से घबराता है। वह इसलिए क्योंकि असफलता उसे बर्दाश्त नहीं और इस मामले में सफलता उनसे कोसों दूर है। आज हम ऐसे ही एक चमत्कारी मंदिर की बात करने जा रहे हैं जिसका चमत्कार विज्ञान ने भी मान लिया है। यह मंदिर है राज राजेश्वरी त्रिपुरा सुंदरी मंदिर।
बिहार के बक्सर जिले में स्थापित यह चमत्कारी मंदिर 400 साल पुराना है। मान्यता यह है कि यहां पर मूर्तियां आपस में वार्ता करती हैं। वैज्ञानिकों ने जब इस बात की छानबीन की तो उन्होंने भी अपने हाथ खड़े कर दिए। इतिहास के जानकारों की मानें तो इस मंदिर की स्थापना प्रसिद्ध तांत्रिक भवानी मिश्र ने की थी।
इस चमत्कारी मंदिर में महाकाली, त्रिपुरा भैरवी, तारा, धूमावती, छिन्न मस्ता, षोडसी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी की मूर्तियां स्थापित हैं। साथ ही बंगलामुखी माता, दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव व मातंगी भैरव की प्रतिमा भी स्थापित है।
राज राजेश्वरी त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में रात को सभी प्रतिमाएं आपस में बात करने लगती हैं। आधी रात को पास से गुजरने वाले लोगों यह पर एक शोर सुनाई देता है। जबकि यहाँ कोई नहीं होता है। इस मंदिर में तांत्रिकों की भी अटूट आस्था है। वह इसलिए क्योंकि मान्यता यह है कि मंदिर में तंत्र साधना से ही माता ने पूरा जीवन व्यतीत किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैज्ञानिक भी इस बात को नकारने में असफल हो गए हैं और उन्होंने यह माना कि यह वहम नहीं है। मंदिर परिसर में कुछ शब्द भी गूंजते रहते हैं। वैज्ञानिकों की जिस टीम ने रिसर्च का बीड़ा उठाया उन्हें भी वहां विचित्र आवाजें सुनाई दीं।