बिहार की ‘Graduate’ प्रियंका बनीं ‘चाय वाली’

पंचलाइन है 'पीना तो पड़ेगा ही' और 'सोच मत, चालू कर दे बस'।(IANS)
पंचलाइन है 'पीना तो पड़ेगा ही' और 'सोच मत, चालू कर दे बस'।(IANS)

आम तौर पर बिहार(Bihar) में महिलाएं चाय की दुकान का व्यवसाय करने से दूर रहती हैं, लेकिन बिहार की राजधानी पटना में एक स्नातक(Graduate) पास लड़की ने चाय दुकान को ही अपना व्यवसाय बना लिया है।

पटना वीमेंस कॉलेज के पास 24 वर्षीय प्रियंका गुप्ता वैसे कोई आम चाय वाली नहीं हैं, बल्कि एक ग्रेजुएट चाय बेचने वाली हैं। प्रियंका ने वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया है। पूर्णिया की रहने वाली प्रियंका गुप्ता इन दिनों पटना वीमेंस कॉलेज के पास में ही एक चाय की छोटी दुकान (ठेला) लगाकर चाय बेचती हैं। इस दुकान पर छात्राओं के अलावा अन्य लोग भी चाय पीने पहुंचते हैं।

प्रियंका बताती हैं, कि पिछले 2 साल से बैंक की प्रतियोगी परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं दे रही हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने कुछ अलग करने का ठान लिया। वे कहती हैं आखिर कब तक घर से खर्च लेती।

उन्होंने बिना घर के लोगों को बताए पटना में ही चाय का व्यापार करने की योजना बना ली। इसके बाद वह कई चाय दुकानों में जाकर समझा, देखा और स्वाद भी चखा।

हर किस्म की चाय का दाम मात्र 15 से 20 कप रखा है।(IANS)

वे फक्र से कहती हैं कि हर व्यक्ति को नौकरी नहीं मिल सकती और इसके लिए केवल सरकार और अभिभावकों को दोष देना उचित नहीं। प्रियंका को चाय का ठेला लगाने में कोई झिझक या शमिर्ंदगी महसूस नहीं होती। उनका मानना है कि उनका यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने में उनकी तरफ से एक योगदान है।

प्रियंका की दुकान पर कुल्हड़ चाय, मसाला चाय, पान चाय और चॉकलेट चाय जैसी चाय की कई नई और अनोखी किस्में पीने को मिलती हैं। हर किस्म की चाय का दाम मात्र 15 से 20 कप रखा है।

प्रियंका ने अपने चाय स्टार्टअप की पंचलाइन रखी है 'पीना तो पड़ेगा ही' और 'सोच मत, चालू कर दे बस'।

प्रियंका आईएएनएस को बताती हैं कि प्रफुल्ल बिलोर को अपना आदर्श मानती हूं उनकी वीडियो देखकर मैं प्रेरणा लेती थी, जिसके बाद मैंने पटना में चाय की दुकान लगाने का प्लान किया।

उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने बैंक से ऋण लेने की कोशिश की, लेकिन पटना निवासी नहीं होने के कारण ऋण नहीं मिला। इसके बाद फिर किसी मित्र से 30 हजार कर्ज लिया और फिर काम शुरू किया।

आईएएनएस(DS)

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