तक़रीबन तीन करोड़ की आबादी वाले देश मलेशिया में 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच कोरोना से करीब 7636 मौतें हुईं। इनमे 2,159 लोग ऐसे थे जिन्हे वैक्सीन की डोज़ लगाए 14 दिन हो चुके थे। हैरानी वाली बात यह है की मरने वाले इन लोगों में से 73 फीसद लोगों ने चीन में निर्मित वैक्सीन लगवाई थी।
भारत में अस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले से तैयार कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। मलेशिया में मरने वाले 7,636 लोगों में से 4,076 लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी जबकि 1401 लोगों को दूसरी डोज़ लगनी बाकी थी। दोनों डोज़ लगवा कर मरने वाले 75 % लोगों की उम्र 60 से ऊपर थी। 94 फीसद ऐसे थे जिन्हे एक से एक बीमारियां थी। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुद इन आंकड़ों की पुष्टि की है। बता दें कि चीन ने दुनिया के चार क्षेत्र (एशिया पैसेफिक, यूरोप, लैटिक अमेरिका, अफ्रीका) के 113 देशों को कोरोना टीका दिया है।
आईसीएमआर की स्टडी बताती है की भारत में कोरोना का टिका लगवाने के बाद कोरोना से संक्रमित सिर्फ 0.4 लोगों की मौत हुई है। 677 मरीज़ों की जेनोम सिक्वेंसिंग करके ये आंकड़े निकाले गए हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद 10 फीसद लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आई है। इन सभी मरीज़ो से 86 फीसद मरीज़ों में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया था।
भारत में लग रही कोविशील्ड वैक्सीन। (Pixabay)
मलेशिया में 24 फरवरी 2021 से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हुई थी और 17 सितंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक 55.5% आबादी को दोनों डोज और 66.6% आबादी को सिंगल डोज लग चुकी है। सभी नागरिकों को फाइजर, एस्ट्राजेनेका और सिनोवैक के टीके लगाए गए। मलेशिया में शुरुआती दौर में सिनोवैक लगाई गई थी, जिसके कारण सर्वाधिक डोज भी इसी की लगीं हैं।
बताना ज़रूरी है की भारत में कोरोना की 110 करोड़ डोज़ लगायी जा चुकी है। इनमें से 74.81 करोड़ लोगों को सिंगल डोज़ व 35.96 करोड़ लोगों दोनों डोज़ दी जा चुकी हैं। टीका लगवाने वालों में 49.41 करोड़ लोग 18-44 साल के और 31.60 करोड़ लोग 45 साल से ऊपर के हैं। गुरुवार को देश में 38 लाख से ज्यादा डोज दी गईं।
Input-Various Source; Edited By- Saksham Nagar
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