दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के सर्वेक्षण में 93% मुस्लिम महिलाओं ने किया तीन तलाक कानून का समर्थन

तीन तलाक के बाद अब तलाक-ए-हसन को हटाने की बार!(Image:VOA)
तीन तलाक के बाद अब तलाक-ए-हसन को हटाने की बार!(Image:VOA)
Published on
2 min read

तीन तलाक कानून लागू किये हुए लगभग एक साल हो गए है। मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का शुरुआत में काफी विरोध हुआ लेकिन अब इस फैसले को दिल्ली की 93 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने अपना समर्थन दिया है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट में, 93 फीसदी मुस्लिम महिलाओं ने बताया की तीन तलाक कानून लागू होने से उन्हें नया जीवन मिला है। 

इस सर्वेक्षण को बीते जनवरी-फरवरी माह में, उत्तर पूर्वी दिल्ली के 30 से ज्यादा इलाकों में करीब 600 महिलाओं पर किया गया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक कानून को मुखर रूप से अपना समर्थन दिया  है। अध्ययन में शामिल 66.3 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं विवाहित थी। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक , दिल्ली के  उत्तर-पूर्वी जिले में सबसे अधिक 29.34 प्रतिशत मुस्लिम आबादी निवासरत है।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने जारी की रिपोर्ट

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान  ने 16 जुलाई को इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि तीन तलाक का कुछ अज्ञानी मुस्लिम पुरुषों ने गलत इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अध्ययन के दौरान शामिल होने वाली ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं का मानना था की मुस्लिम पुरुषों द्वारा किया जाने वाला एक से ज्यादा विवाह भी गलत है, और इस पर रोक  लगाने का मोदी सरकार एवं उच्चतम न्यायालय का फैसला जनता के हित में है।

आपको बता दें कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चल रहा है। जाफ़रूल इस्लाम ने अभी हाल ही अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि देश में मुस्लिमों का शोषण किया जा रहा है। आगे उन्होंने ये भी लिखा था की, जिस दिन भारत के मुसलमानों ने अरब देशों से उनपर हो रहे शोषण की शिकायत कर दी तो देश में जल जला आ जाएगा।

शत् प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के विरोध में

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भी अपने रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि देश की 100 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं इस कुरीति के विरोध में हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता यासिर जिलानी का कहना है की यह अध्ययन काफी हद तक सही है। उन्होंने दो टुक शब्दों में डीएमसी अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान को अपना मन साफ रखने की सलाह दी है। आगे जिलानी ने ये भी कहा की ऐसे लोग ही मुस्लिम समाज के सुधार एवं देश के सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने में अटकलें पैदा करते हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com