सोचिए कि अगर आपको किसी इलाके में गुज़र बसर के लिए, पहले अपने अपेंडिक्स को निकलवाना पड़े ! तो क्या आप वहां रहना पसंद करेंगे ?
संभवतः इस सवाल ने आपको हैरत में डाल दिया होगा। पर आप यह जान कर और भी हैरान हो जाएंगे कि अंटार्कटिका की गोद में स्थित 'विलास लास एस्ट्रेलास' नाम की ऐसी जगह सच में मौजूद है।
आम तौर पर वहां वैज्ञानिकों और सैनिकों का आना जाना लगा रहता है। मगर वहां कुछ वैज्ञानिकों की टुकड़ी, चिली की वायु सेना और थल सेना के लोग अपने परिवार जनों के साथ लम्बे समय से रह रहे हैं। चारों ओर बर्फ से घिरी इस बस्ती की आबादी लगभग 100 लोगों की है।
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विलास लास में कोई खास सुविधा के प्रबंध नहीं हैं। न्यूनतम सुविधाओं के अंतर्गत एक स्कूल, चर्च, अस्पताल और कुछ अन्य सहूलियत वाली सेवाएं उपलब्ध हैं। स्कूल में बुनियादी शिक्षा दी जाती है , और अस्पताल में केवल गिने-चुने डॉक्टर्स हैं। अस्पताल में कोई बड़ी बिमारी का इलाज या सर्जरी को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सकता। इसी वजह से वहां रहने से पूर्व, अपेंडिक्स को निकलवाने की सलाह दी जाती है।
'विलास लास एस्ट्रेलास' का औसत तापमान , आम तौर पर -2.3 डिग्री रहता है। सर्दियों में यही तापमान -47 डिग्री तक गिर जाता है।
विलास लास बस्ती के समीप एक रूसी चर्च मौजूद है। (Wikimedia Commons)
एकांत में बसे होने की वजह से ज़रूरत का कोई भी सामान सेना के हवाई जहाज की सहायता से यहाँ लैंड करवाया जाता है। बाहरी दुनिया से संपर्क साधने के लिए काफी सीमित कनेक्शंस हैं।
बर्फीली पहाड़ियों और सर्द हवाओं के बीच किसी माँ को अपने बच्चे को जन्म देने का सुख अत्यंत निराशाजनक हो सकता है।
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अकसर वहां पेंगुइनस को खुले में घूमते देखा जा सकता है।
सैनिक परिवार एक दूसरे के साथ हैलोवीन जैसे त्योहारों को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
घरों में उन लोगों की तस्वीरें देखी जा सकती हैं, जो कभी उस जगह पर आए थे। इस सन्दर्भ में आपको वहां स्टीफन हॉकिंग की भी एक तस्वीर देखने को मिल जाएगी।
बर्फ से ढकी ज़मीन पर इधर से उधर जाने के लिए भारी वाहनों को इस्तेमाल में लाना पड़ता है।
रात में 'विलास लास एस्ट्रेलास' कुछ इस तरह का दिखता है। (Wikimedia Commons)
इन सब चुनौतियों से गुज़रते हुए वहां रह रहे लोगों ने खुद को वहां की जटिल परिस्थितियों का आदी बना लिया है। अब वहां की आबादी, हालातों के साथ बहती हुई, हर पल को चैन से जी रही है।