मंदिर की उपज बेचने के लिए पुजारी से मांगा भगवान का आधार कार्ड

एक पुजारी को देवता का आधार कार्ड (Aadhar Card) दिखाने को कहा गया। (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)
एक पुजारी को देवता का आधार कार्ड (Aadhar Card) दिखाने को कहा गया। (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)
Published on
2 min read

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल मंदिर की जमीन में उगाए गए गेहूं को बेचने के लिए सरकारी खरीद केंद्र द्वारा एक पुजारी को देवता का आधार कार्ड (Aadhar Card) दिखाने को कहा गया। घटना बांदा की अट्टारा तहसील के कुरहरा गांव की है।

राम जानकी मंदिर के पुजारी और मुख्य कार्यवाहक महंत रामकुमार दास ने कहा कि वह एक सरकारी मंडी (बाजार) में 100 क्विंटल गेहूं बेचना चाहते थे। उन्होंने दूसरों की मदद से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था।

मंदिर के कार्यवाहक पुजारी मंदिर की जमीन पर उगाई गई फसल को बेचने के लिए सरकारी मंडी पहुंचे। तब उन्हें उस देवता का आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा गया था, जिसके नाम पर भूमि पंजीकृत थी।

पुजारी ने बताया कि वह पिछले कई सालों से उपज बेच रहे हैं। पिछले साल उन्होंने सरकारी मंडी में 150 क्विंटल उपज बेची थी, लेकिन कभी इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। (Wikimedia Commons)

सात हेक्टेयर भूमि भगवान राम और जानकी के नाम पर दर्ज है। उन्होंने आगे कहा कि "पंजीकरण रद्द कर दिया गया क्योंकि मैं आधार कार्ड नहीं बना सका, मुझे भगवान का आधार कहां मिलेगा?"

पुजारी ने कहा कि उन्होंने अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) सौरभ शुक्ला से बात की। उन्होंने कहा कि आधार के बिना पंजीकरण नहीं किया जा सकता है और इसलिए उनके कार्यालय ने इसे रद्द कर दिया है।

पुजारी ने बताया कि वह पिछले कई सालों से उपज बेच रहे हैं। पिछले साल उन्होंने सरकारी मंडी में 150 क्विंटल उपज बेची थी, लेकिन कभी इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।

इस बीच, जिला आपूर्ति अधिकारी, गोविंद उपाध्याय ने कहा कि नियम स्पष्ट हैं कि मठों और मंदिर से उपज नहीं खरीदी जा सकती है।

खरीद नीति में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं था, उन्होंने कहा, पहले खतौनी (भूमि रिकॉर्ड) दिखाना स्वीकार्य था, लेकिन अब पंजीकरण अनिवार्य हो गया है।

रजिस्ट्रेशन के लिए उस व्यक्ति का आधार कार्ड होना जरूरी है जिसके नाम पर जमीन रजिस्टर्ड हुई थी। एसडीएम ने कहा कि पुजारी को देवता का आधार कार्ड दिखाने के लिए नहीं कहा गया था, लेकिन उन्हें प्रक्रिया के बारे में बताया गया।

बरहाल पुजारी चिंतित है। उन्होंने आगे कहा, "अगर हम मंडी में फसल नहीं बेच सकते हैं तो हम खचरें को कैसे पूरा करेंगे और अपना भोजन कैसे करेंगे?" (आईएएनएस-SM)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com