गुपकार को समर्थन देने के बाद, कांग्रेस की उड़ी खिल्ली

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी। (Wikimedia Commons)
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी। (Wikimedia Commons)

क्या कांग्रेस को अपनी फजीहत के बाद ही गलती का एहसास होता है? वह इसलिए की उन्होंने जब खुलकर गुपकार का समर्थन किया था तब उन्हें यह नही पता था कि उनकी इस तरह किरकिरी होगी। इस घटना के तीन दिन बाद ही कांग्रेस ने गुपकार से आधिकारिक तौर पर दूरियों का ऐलान कर दिया। इस मामले टूल पकड़ा जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए।

अमित शाह अपने ट्वीट में यह कहा था कि "कॉन्ग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू और कश्‍मीर को वापस आतंक के युग में ले जाना चाहते हैं।" और अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि "जम्‍मू और कश्‍मीर हमेशा से भारत का आतंरिक हिस्‍सा रहा है। भारत के लोग राष्‍ट्रहित के खिलाफ बने किसी अपवित्र 'ग्‍लोबल गठबंधन' को सहन नहीं करेंगे। या तो गुपकार गैंग देश के मूड के साथ चले नहीं तो लोग उसे डुबो देंगे।"

उन्होंने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गाँधी एवं राहुल गाँधी को अपनी राजनीतिक स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। उन्होंने लिखा कि "गुपकार गैंग जम्मू एवं कश्मीर में विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप चाहता है। गुपकर गैंग तिरंगे का अपमान करता है। क्या सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी गुपकार गैंग के ऐसे कदमों का समर्थन करते हैं? उन्हें देश की जनता के समक्ष अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए?"

आखिर में यह गुपकार गैंग है कौन?

यह एक बहुदलीय पार्टियों का समूह है जिसका निर्माण कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुआ। इस गैंग के प्रमुख मुद्दे भी यही हैं कि केंद्रशासित प्रदेश को पुनः पूर्ण राज्य का दर्जा मिले।

गुपकार में कौन-कौन सी पार्टी शामिल हैं?

गुपकार में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, सीपीआई (एम) पीपल्स यूनाइटेड फ्रंट, पैंथर्स पार्टी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस इस बहुदलीय समूह का हिस्सा है।

4 अगस्त 2019 में भाजपा के इलावा कश्मीर के अन्य सभी बड़े राजनीतिक पार्टियों ने फारूक अब्दुल्ला के आवास पर एक बैठक की। यह बैठक उस तनाव के मध्य में किया गया जब घाटी में अर्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए थे और अमरनाथ जा रहे श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को घाटी छोड़ने के लिए कह दिया गया था। तब सभी दलों ने इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया जिसे 'गुपकार घोषणा' नाम दिया गया। ठीक एक दिन बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया। जिसके बाद दो केंद्र शासित प्रदेश सामने आए जो हैं, जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाक।

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com