साड़ी विवाद वाला अकीला रेस्टोरेंट बंद

कुणाल छाबड़ा ने यह कुबूल करते हुए कहा है कि उनके पास रेस्टोरेंट चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं है। (PIXABAY)
कुणाल छाबड़ा ने यह कुबूल करते हुए कहा है कि उनके पास रेस्टोरेंट चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं है। (PIXABAY)
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भारतीय संस्कृति में साड़ी का एक अपना अलग महत्व है। भारत की संस्कृति में साड़ी को पवित्र और धार्मिक रूप में देखा जाता है। महिला को कोई भी, किसी भी जगह पर साड़ी पहनने से नहीं रोक सकता, परंतु दिल्ली के अकीला रेस्टोरेंट में साड़ी पहनी हुई महिला को रेस्टोरेंट के अंदर प्रवेश की अनुमति ना देने पर विवाद खड़ा हो गया।

जब सोमवार को अनिता चौधरी नाम की एक महिला ने फेसबुक पर 16 सेकंड की वीडियो क्लिप सांझा करते हुए आरोप लगाया कि उसे रविवार को दिल्ली के अंसल प्लाजा रेस्टोरेंट में प्रवेश नहीं करने दिया गया क्योंकि उसने साड़ी पहनी हुई थी। इस वीडियो क्लिप ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया यह क्लब दिल्ली के अकीला रेस्टोरेंट्स की थी वीडियो में कर्मचारी ने कहा:: "मैम, हम केवल स्मार्ट कैजुअल की अनुमति देते हैं और साड़ियों को स्मार्ट कैजुअल के रूप में नहीं गिना जाता है।" इस घटना के बाद दक्षिण निगम ने फैसला लिया है कि यदि आप से किसी होटल रेस्टोरेंट ने महिला को साड़ी पहन कर अपने यहां आने की अनुमति नहीं दी तो उससे 5 लाख जुर्माना भरना पड़ेगा। इंस्टाग्राम में बुधवार को एक पोस्ट में, रेस्टोरेंट ने घटनाक्रम को लेकर अपने पक्ष को स्पष्ट करते हुए कहा है कि अनिता चौधरी द्वारा पोस्ट की गई "10 सेकंड" की क्लिप "1 घंटे" तक चली बातचीत का हिस्सा थी।

हालांकि, रेस्टोरेंट ने दावा किया कि घटना को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। "हमारे भारतीय समुदाय का सम्मान करने में विश्वास करता है और हमेशा हमारे मेहमानों का स्वागत आधुनिक से लेकर पारंपरिक सभी ड्रेस कोड में करता है"। दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा जब रेस्टोरेंट के रिकॉर्ड खंगाले गए तो पता चला कि रेस्टोरेंट के पास वैध लाइसेंस नहीं है जिसके कारण रेस्टोरेंट्स को बंद करने का क्लोजर नोटिस जारी कर दिया गया। इसके बाद अकेला रेस्टोरेंट की ओर से कुणाल छाबड़ा ने यह कुबूल करते हुए कहा है कि उनके पास रेस्टोरेंट चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं है और जब तक उनके लाइसेंस नहीं मिल जाते तब तक वह रेस्टोरेंट्स को बंद रखेंगे।

रेस्टोरेंट कागजों में सील था, इसके बावजूद वह बिना डी-सीलिंग के यह संचालित कर रहे थे।(Wikimedia Commons)

हालांकि हेल्थ लाइसेंस के लिए उन्होंने आवेदन कर दिया है, इसके अलावा उन पर यह भी आरोप लगा है कि रेस्टोरेंट कागजों में सील था, इसके बावजूद वह बिना डी-सीलिंग के यह संचालित कर रहे थे। कुणाल छाबड़ा ने एसडीएमसी को एक एफिडेविट भी जमा कराया है। यह क्लोजर नोटिस निगम के हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से दिया गया था। दरअसल, कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने यह मुद्दा उठाते हुए यह प्रस्ताव डाला था जिसके बाद बुधवार को दक्षिणी निगम की सदन की बैठक में भाजपा सहित आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने भी सर्वसम्मति से इस बात पर सहमति जताई कि साड़ी भारतीय पारंपरिक परिधान है।

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