माघ मेले के 5 क्षेत्रों में अपने शिविर लगा रहे संतों ने अपने भक्तों की संख्या को सीमित कर दिया है। कोविड के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में जिला प्रशासन की मदद करने और सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। स्वामी विनायक बाबा ने कहा, "मैंने केवल 200 अनुयायियों को शिविर में रहने की अनुमति दी है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जबकि पहले शिविर में करीब 2,000 अनुयायी रहते थे। हमने सैनिटाइटर और मास्क के लिए एक विशेष काउंटर भी बनाया है। एक टीम भी बनाई है जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थर्यात्रियों की थर्मल स्कैनर से स्क्रीनिंग करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वे मास्क पहनें और सैनिटाइटर का उपयोग करें।"
अधिकांश आश्रमों ने अपने परिसर के अंदर तीर्थयात्रियों की आवाजाही की निगरानी के लिए सीसीटीवी नेटवर्क लगाया है।
स्वामी अध्याक्षानंद ने कहा, "श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के लिए आश्रमों के प्रवेश द्वारों पर सैनिटाइजर का उपयोग करना, मास्क पहनने, आध्यात्मिक या योग सत्रों में भाग लेने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। हम अपनी जिम्मेदारियों को जानते हैं और लोगों से नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं। मेला परिसर में पहुंचने वाले भक्तों और तीर्थयात्रियों को प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।"
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इस बीच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मेला क्षेत्र में डेरा डाले साधु-संतों और कल्पवासियों को विशेष कोविड केयर कार्ड (सीसीसी) देने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं। यह सीसीसी उन लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी करने में अधिकारियों को मदद करेंगे।
इसके अलावा स्वास्थ्य टीमों ने सभी 16 प्रवेश बिंदुओं पर आगंतुकों की स्क्रीनिंग करना शुरू कर दिया है। साथ ही मेला स्थल के अंदर 32 टीमें लोगों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रही हैं। माघ मेला प्रयागराज में 14 जनवरी से 11 मार्च के बीच लगेगा।(आईएएनएस)