मध्य प्रदेश (MP) के जबलपुर जिले के एक पुर्नवास केंद्र में अनाथ बच्चों को बाइबल पढ़ाने, ईसाई धर्म की प्रार्थनाएं कराए जाने के अलावा धर्मांतरण की कोशिश का मामला सामने आया है। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की जांच के बाद संस्था के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। बताया गया है कि बरेला थाना क्षेत्र में करुणा जनजीवन पुर्नवास केंद्र (करुणा नवजीवन रिहैबिलिटेशन सेंटर) है। यहां अनाथ और गरीब बच्चों को रखा जाता है। यहां जबरन बाइबल पढ़ाने और ईसाई प्रार्थनाएं कराए जाने की शिकायत नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स को मिली थी। आयोग की टीम ने पिछले दिनों यहां का निरीक्षण किया तो कई गड़बडियां मिलीं।
आयोग के दल को जांच के दौरान पता चला कि यहां बालिकाओं से जोर जबरदस्ती से ईसाई प्रार्थनाएं कराई जाती हैं, उन्हें बाइबल पढ़ने को कहा जाता है। बच्चों की काउंसलिंग में भी यह बात सामने आई कि उन्हें मूल धर्म की जानकारी नहीं दी जाती और सिर्फ ईसाई धर्म के बारे में पढ़ाया जाता है।
आयोग (NCPCR) के जांच दल की रिपोर्ट के बाद जिला बाल संरक्षण अधिकारी एम एल मेहरा ने बरेला थाने में शिकायत की। इस शिकायत के आधार पर संस्था के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने संस्था के संचालकों पर किशोर न्याय अधिनियम 2015, धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 और किशोर न्याय अधिनियम 2016 के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले को संज्ञान में लिया है।
बरेला थाने के प्रभारी जीतेन्द्र यादव ने आईएएनएस को बताया है कि इस संस्था का किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीयन भी नहीं है। साथ ही कई और भी गड़बड़ियां सामने आई हैं। (आईएएनएस)
Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh