उज्जैन में राजसी ठाठ से निकली बाबा महाकाल की सवारी

महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण (wikimedia commons)
महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण (wikimedia commons)
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मध्य प्रदेश की धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी उज्जैन में श्रावण मास के पहले सोमवार के बाबा महाकाल की सवारी निकली। महाकाल राजसी ठाठ-बाट से अपनी प्रजा को दर्शन देने और हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। मान्यता है कि बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए शहर भ्रमण पर निकलते है। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार श्रावण मास पर विषेष सवारी निकली जाती है, पहले सोमवार के भी सवारी निकली, इस सवारी में बड़ी संख्या में भक्तगण षामिल हुए।

सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान के श्री मनमहेश स्वरुप का पूजन-अर्चन मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, अपर कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा किया गया। पूजन प. घनश्याम शर्मा एवं आशीष पुजारी द्वारा सम्पन्न करवाया गया। पूजन पश्चात भगवान श्री मनमहेश की पालकी को कलेक्टर एवं अध्यक्ष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार, मंदिर के पुजारी, पुरोहित आदि ने कन्धा देकर नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया।

महाकाल राजसी ठाठ-बाट से अपनी प्रजा को दर्शन देने और हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।(wikimedia commons)

मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस बल के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर (सलामी) के पश्चात सवारी ने परिवर्तित मार्ग से रामघाट की ओर प्रस्थान किया।भगवान महाकालेश्वर की सवारी हरसिद्धि मन्दिर के पास से, झालरिया मठ के सामने से होकर रामघाट पहुंची। नवीन सवारी मार्ग को आकर्षक वंदनवार से सजाया गया था।

रामघाट पहुंचने पर पं.आशीष पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक किया गया। रामघाट से सवारी हरसिद्धि मन्दिर के सामने से होकर महाकालेश्वर मन्दिर पहुंची।(आईएएनएस-PS)

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