मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले आदिवासी वर्ग को साधने में जुटे भाजपा और कांग्रेस

शिवराज सिंह चौहान (Wikimedia Commons)
शिवराज सिंह चौहान (Wikimedia Commons)

मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) में सियासत धीरे-धीरे आदिवासी (Tribals) केंद्रित हो चली है। सत्ताधारी दल जहां आदिवासियों की विरासत को संजोने, संवारने और सम्मान देने के अभियान में जुटने की बात कह रहा है तो वहीं कांग्रेस(Congress) ने भाजपा(BJP) केा आदिवासी विरोधी बताने से हिचकती दिखाई नहीं दे रही है। राज्य में कुल मिलाकर 20 फीसद आदिवासी हैं जिसको साधने का प्रयास दोनों दलों ने शुरू कर दिया है।

राज्य की राजनीति में जनजातिये राजनीति का हमेशा से महत्व रहा क्योंकि इनकी आबादी 20 फीसदी से ज्यादा है। राज्य का हर पांचवां मतदाता इस समाज से आता है। सत्ता का रास्ता आसान बनाने में इस समाज की खासी अहमियत है और बीते दो विधानसभा के चुनाव परिणामो ने इस बात को साबित भी कर दिया है। इस वर्ग के लिए राज्य में 47 विधानसभा क्षेत्र आरक्षित है जिनमें से वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 31 सीटें जीती थी, परिणामस्वरुप सत्ता में बनी रही, मगर वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा 16 पर आकर ठहर गई, नतीजतन उसे हार का सामना करना पड़ा ।

भाजपा इस बात से भलीभांति वाकिफ है कि बगैर आदिवासी के उसके लिए सत्ता में बने रहना आसान नहीं हैं । यही कारण है कि उसने इस वर्ग में गहरी पैठ बनाने की कोशिशें तेज की है। राज्य में गोंड जनजाती की आबादी अन्य जनजातियों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। इसी को ध्यान में रखकर भाजपा ने जहां पूरे आदिवासी समाज को लुभाने बिरसा मुंडा की जयंती केा जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाने का फैसला लिया तो वहीं भोपाल के पुर्नविकसित रेल्वे स्टेशन का नाम गोंड रानी कमलापति के नाम पर रखा। इससे पहले दमोह के पास दुर्गावती की याद में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयेाजित किया गया था।

रानी कमलापति(Rani Kamalapati) गोंड वंष की सुंदरतम रानियों में से एक थी और उन्होंने अफगानों के सरदार दोस्त मुहम्मद के धर्म परिवर्तन और शादी के प्रस्ताव को देखा तो भोपाल के छोटे तालाब में जल समाधि ले ली। इसी तरह गोंड रानी दुर्गावती रही है जिनका जबलपुर के आसपास में राज था। इन दोनों रानियों को याद कर भाजपा जनजातीय समुदाय में अपनी पैठ बनाने में पीछे नहीं रहना चाहती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जनजातीय गौरव दिवस पर पूर्ववर्ती सरकारों पर इस समुदाय की उपेक्षा का खुलकर आरोप लगाया और साफ तौर पर कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता इस वर्ग का उत्थान है। साथ ही इस समुदाय की संस्कृति और बलिदान का जिक्र कर प्रभु राम को मयार्दा पुरुषोत्तम बनाने का श्रेय इस वर्ग को दिया।

वहीं कांग्रेस ने राज्य सरकार केा आदिवासी विरोधी करार दिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ(KamalNath) ने कहा, राज्य में आदिवासी वर्ग की आबादी एक करोड़ 65 लाख है, मगर यह वर्ग आज सबसे पिछड़ा माना जाता है, आज उसका भविष्य अंधकार में है। आदिवसी युवा जो समाज का देश का और प्रदेश का नव निर्माण करेगा, वह अपने भविष्य केा लेकर चिंतित है।

उन्होंने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि 18 साल बाद षिवराज को बिरसा मुंडा की याद आ रही है, और उनकी जयंती मना रहे है। वे बताएं कि इतने शिवराज कहां थे। भाजपा का जोर जनता को गुमराह करने में रहा है।

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उन्होंने आदिवासियों से वादा किया है कि उनकी सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा प्राथमिकता आदिवासी समाज को देंगे, क्योंकि यह उनका अधिकार है।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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