पंजाब सहित तीन राज्यों में बढ़ाया गया बीएसएफ का दायरा, गृह मंत्रालय ने जारी किए आदेश।​

जम्मू कश्मीर समेत 6 राज्यों में वही स्थिति कायम।(Wikimedia Commons)
जम्मू कश्मीर समेत 6 राज्यों में वही स्थिति कायम।(Wikimedia Commons)
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देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक आधिकारिक आदेश निकाला। आदेश के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अब भारत की सीमाओं से लगे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में कार्रवाई करने का अधिकार 35 किलोमीटर बढ़ा दिया गया है। पहले इन राज्यों में केवल 15 किमी तक बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र था अब इनमे बीएसएफ का अधिकार 50 किलोमीटर के दायरे तक आ जायेंगे। इसके अलावा गुजरात के अधिकार क्षेत्र, जो पहले 80 किलोमीटर था, अब घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है, जबकि राजस्थान के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है, जहां बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक है।

इसके अलावा मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के लिए पूरे राज्य में सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र एक समान रहता है जो यथास्थिति रहेगा। आपको बता दें गृह मंत्रालय इन स्थितियों का परिवर्तन सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 की धारा 139 के तहत करता है जिसके अंतर्गत केंद्र को समय-समय पर बीएसएफ के क्षेत्र और संचालन की सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को यह परिवर्तन बर्दाश्त नहीं हो रहा उन्होंने केंद्र के इस कदम को 'संघीय ढांचे पर सीधा हमला' करार देते ट्वीट किया, "मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने का फैसला किया गया है, जो संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं। इसके अलावा, चन्नी ने कहा, "हमारे सैनिक कश्मीर में मारे जा रहे हैं। हम पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पंजाब में अधिक से अधिक हथियारों और ड्रग्स को धकेलते हुए देख रहे हैं। बीएसएफ की बढ़ी हुई उपस्थिति और शक्ति ही हमें मजबूत बनाएगी। कृपया, केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें।"
गौर करने वाली बात यह है कि, एक तरफ जहां पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री इस फैसले का विरोध कर रहे हैं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इसका पुरजोर तरीके से समर्थन कर रहे हैं।(आईएएनएस-LG)

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