उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में पिछले साल अस्तित्व में आए धर्मान्तरण विरोधी कानून(Anti Conversion Law) के तहत यूपी में 108 एफआईआर(FIR) के ज़रिये 340 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक 72 मामलों में 189 को गिरफ्तार कर चार्जशीट दायर कर दी गई है।
कम से काम 77 पीड़ितों ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है की उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार बरेली थाना क्षेत्र के छह मामलों सहित 11 मामलों में अंतिम रिपोर्ट दर्ज की गयी।
शाहजहांपुर जिले में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत दो ईसाई(Christian) और दो दलितों(Dalit) सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मुरादाबाद में दर्ज एक मामले में दो पुरुषों पर मामला दर्ज किया गया था लेकिन मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में महिला ने आरोपों का खंडन किया था। सबसे अधिक 28 प्राथमिकियां बरेली पुलिस क्षेत्र में दर्ज की गईं। 18 मामलों में सबसे ज्यादा चार्जशीट मेरठ थाना क्षेत्र ने दायर की है।
उत्तर प्रदेश में धर्मान्तरण विरोधी कानून पिछले साल से ही लागु है। (Wikimedia Commons)
डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि सभी जिला पुलिस प्रमुखों और पुलिस आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे धर्मांतरण विरोधी कानून के मामलों में किसी भी आरोपी को परेशान न करें और केवल सबूतों के आधार पर कार्रवाई करें।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लंबित मामलों की जांच की निगरानी करने का भी निर्देश दिया है।"
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इस बीच, पुलिस ने कहा कि धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत दर्ज किए गए 31 आरोपी नाबालिग थे।
Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar