समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद से सांसद एस.टी. हसन ने कहा है कि हाल में चक्रवातों और कोविड 19 महामारी के कारण हुई तबाही, मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ 'आसमानी आफत' (ईश्वरीय हस्तक्षेप) का परिणाम थी।
मुरादाबाद के सांसद ने बुधवार को कहा कि "मुसलमानों के साथ इस तरह के अन्याय के परिणामस्वरूप तबाही हुई है जो चक्रवात और कोविड के रूप में आसमान से उतरी है और गरीब लोग इस महामारी में मारे गए हैं।"
हसन ने राज्य की भाजपा सरकार पर राज्य के लोगों को कोविड 19 से मरने वालों का अंतिम संस्कार करने का अवसर प्रदान करने को लिए पूर्ण विफलता के रूप में वर्णित किया है।
उन्होंने पूछा, "क्या कभी किसी ने इंसानों के शवों को छोड़े जाने और कुत्तों को खिलाते हुए देखा है? दुनिया में और कहां शवों को अंतिम संस्कार के बजाय नदियों में फेंक दिया जाता है? श्मशान घाटों को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। हमारे पास किस तरह की सरकार है ?"
समाजवादी पार्टी के कई नेता आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं।(Wikimedia Commons)
सरकारी फैसलों और प्राकृतिक आपदाओं के बीच संबंध बनाने पर हसन ने कहा, "हम भारतीय बहुत धार्मिक हैं और दृढ़ता से मानते हैं कि कुछ अलौकिक अस्तित्व मौजूद है जो दुनिया को नियंत्रित करता है और न्याय प्रदान करता है।"
हसन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने सांसद के दृष्टिकोण को इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकवादी समूह के समान बताया।
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"उनके बयानों से यह स्पष्ट है कि उनके जैसे लोगों को देश के संविधान में विश्वास नहीं है। वे चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी सरकार बनाए और उसके बाद शरिया कानून पेश करे। उनकी भाषा आईएस के समान है। ऐसे लोग केवल शरिया कानून में विश्वास करते हैं।"
रजा ने कहा, "हसन और समाजवादी पार्टी के नेताओं की समस्या यह है कि बरसाना में होली बड़े पैमाने पर मनाई जा रही है और उनके लिए सीएए लाया जाना अन्याय है और इसी तरह कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करना भी है।"(आईएएनएस-SHM)