बच्चों ने छेड़ी प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने की मुहिम

सेंमई गांव के बच्चों ने अपने गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)
सेंमई गांव के बच्चों ने अपने गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)
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 प्लास्टिक पर्यावरण के लिए घातक है। यही कारण है कि प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के दतिया जिले के सेंमई गांव के बच्चों ने अपने गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया है और इसके लिए अभियान भी चला रहे हैं। दतिया जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत चलाए जा रहे अभियान में बच्चों की भी हिस्सेदारी बढ़ रही है। ग्राम पंचायत व जिला बाल अधिकार मंच मिलकर सेंमई गांव को प्लास्टिक मुक्त ग्राम बनाने का अभियान चला रहे हैं। यहां बाल अधिकार मंच की बालिकाएं गांव में प्लास्टिक एकत्रित करने में लगी हैं तो दूसरी ओर ग्रामीणों को घर-घर जाकर प्लास्टिक के दुष्परिणामों के बारे में बता रही हैं। इसके साथ ही शासन-प्रशासन द्वारा प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए जारी निर्देशों से अवगत कराने में लगे हैं।

स्वदेश संस्था के संचालक रामजीशरण राय ने ग्रामीणों को शपथ दिलाई गई कि गांव में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा। ग्राम में फैली प्लास्टिक को एकत्रित करके ग्राम पंचायत में सुरक्षित निपटान के लिए रखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरण के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक किस तरह से घातक है।

गांव के शिवजी के मंदिर प्रांगण में फैली प्लास्टिक थैलियों को बाल अधिकार मंच के बच्चों ने रविवार को इकटठा करना शुरू किया तो गांव के लोग भी उनके साथ हो लिए। सभी ने संकल्प लिया कि अब गांव में प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा और गांव में जहां भी प्लास्टिक जमा होगा, उसे एकत्र कर नष्ट करने की कोशिश की जाएगी।

प्लास्टिक मुक्त गांव के अभियान में पूर्व सरपंच अरविंद दांगी, सचिव मनोज दांगी, सहायक सचिव चेतन दांगी, स्वच्छताग्राही बलवीर पांचाल सहित बाल अधिकार मंच के सदस्य सहभागिता निभा रहे हैं।(आईएएनएस)

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