प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस पर गुजरात के केवड़िया में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के समापन समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए आसान भाषा में कानून बनाए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भारत के लोगों ने ये संविधान खुद को दिया है। इसलिए इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, ये सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने कहा, "हमारे यहां बड़ी समस्या ये भी रही है कि संवैधानिक और कानूनी भाषा, उस व्यक्ति को समझने में मुश्किल होती है, जिसके लिए वो कानून बना है। मुश्किल शब्द, लंबी-लंबी लाइनें, बड़े-बड़े पैराग्राफ, क्लॉज-सब क्लॉज, यानि जाने-अनजाने एक मुश्किल जाल बन जाता है।"
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, "समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए। बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हम ऐसी व्यवस्था नहीं बना सकते, जिससे पुराने कानूनों में संशोधन की तरह, पुराने कानूनों को रिपील करने की प्रक्रिया स्वत: चलती रहे?" (आईएएनएस)