बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां के लोगों को अस्पताल आने के लिए एकमात्र सहारा नाव है। ऐसे में कोविड-19 मरीजों को अस्पताल लाने के लिए जिला प्रशासन ने अनोखी पहल की है और नाव को ही स्पेशल कोविड एंबुलेंस में तब्दील कर दिया। इस नाव में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जो एक एंबुलेंस में होती हैं।
वैशाली जिले के राघोपुर के दियारा क्षेत्र के कई ऐसे गांव हैं, जहां के लोगों के लिए पीपा पुल खुल जाने के बाद प्रखंड मुख्यालय आने के लिए एकमात्र सहारा नाव ही होती है। ऐसे में बाढ़ की आशंका और कोरोना संक्रमित मरीजों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाने के लिए वैशाली जिला प्रशासन ने 'नाव एंबुलेंस' की व्यवस्था शुरू की गई है।
इस नाव एंबुलेंस पर सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ मेडिकल टीम मौजूद है, जो इमरजेंसी मरीजों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करा रही है।
राघोपुर के अंचल पदाधिकारी राणा अक्षय प्रताप सिंह ने आईएएनएस को बताया कि कोविड-19 के दौर में और बाढ को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही नाव को एंबुलेंस बनाने की योजना बनाई थी। इसके तहत कई गांव के लोगों को जांच के लिए स्थानीय अस्पतालों में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह नाव जेठुली घाट और तेतर घाट के बीच चलाई जा रही है।
नाव एंबुलेंस पर पीपीई किट में जांच दल के साथ एक डॉक्टर, एक असिस्टेंट के अलावा मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई है। इस पर स्ट्रेचर, बेड, अक्सीजन सिलेंडर, दवा, स्लाईन की सुविधा है। राघोपुर के एक चिकित्सक कहते हैं कि नाव एंबुलेंस पर डक्टर एवं मेडिकल टीम की ड्यूटी लगाई गई है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्घि देखी जा रही है। बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 82,741 तक पहुंच गई है। राहत की बात है कि राज्य में अब तक 54,139 संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार राज्य में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की रिकवरी रेट 65़.43 फीसदी है।
वैशाली जिले में अब तक 2,548 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसमें 1,336 लोग ठीक होकर वापस घर जा चुके हैं। फिलहाल यहां 1,197 सक्रिय मरीज हो चुके हैं। (आईएएनएस)