किसान आंदोलन के कारण हुआ है करोड़ों का घाटा!

लगभग एक साल से चल रहा है किसान आंदोलन।(Wikimedia Commons)
लगभग एक साल से चल रहा है किसान आंदोलन।(Wikimedia Commons)
Published on
2 min read

लगभग एक साल से जारी किसान आंदोलन(farmers protest) जिस उद्देश्य के लिए हुआ था वह उद्देश्य की पूर्ति तो हो गई है। लेकिन आज हम लोग इस बात पर नजर डालेंगे कि इस आंदोलन के कारण देश को कितना नुकसान उठाना पड़ा। आज कैट द्वारा यह जानकारी साझा की गई कि, इस आंदोलन के चलते अब तक करीब 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है। कैट ने कहा की, नुकसान के आंकड़े विभिन्न राज्यों से सीएआईटी की अनुसंधान शाखा द्वारा प्राप्त इनपुट पर आधारित हैं।

दरअसल देश भर के विभिन्न राज्यों से प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक माल लेकर दिल्ली(Delhi) आते हैं और करीब 30 हजार ट्रक दिल्ली से दूसरे राज्यों में माल ढोते हैं, क्योंकि दिल्ली न तो एक कृषि प्रधान राज्य है और न ही एक औद्योगिक राज्य, इसे अपने सदियों पुराने व्यापार के वितरणात्मक स्वरूप को बनाए रखने के लिए माल की खरीद-बिक्री पर निर्भर रहना पड़ता है और इसलिए दिल्ली किसान आंदोलन का प्रमुख पीड़ित है।

कैट के मुताबिक, नवंबर, दिसंबर, 2020 और जनवरी, 2021 में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश से दिल्ली की आपूर्ति पर काफी प्रभाव पड़ा है। वहीं किसानों द्वारा राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण माल की आवक और जावक के परिवहन में कठिनाइयों के कारण यह व्यावसायिक हानि मुख्य रूप से नवंबर, दिसंबर, 2020 और जनवरी, 2021 के महीनों में हुई।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल(Praveen Khandelwal) ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि बिल वापस लिए जाने के बाद किसानों द्वारा आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। किसानों द्वारा दिल्ली की ओर जाने वाले राजमार्गों के अवरुद्ध होने के कारण महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से माल का परिवहन भी प्रभावित हुआ।

इन राज्यों से आने वाली प्रमुख वस्तुओं में खाद्यान्न, एफएमसीजी उत्पाद, इलेक्ट्रिकल आइटम, बिल्डर्स हार्डवेयर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो स्पेयर पार्ट्स, मशीनरी लेख, सेनेटरीवेयर और सेनेटरी फिटिंग, पाइप और पाइप फिटिंग, कृषि उपकरण, उपकरण, फर्निशिंग फैब्रिक, कॉस्मेटिक्स, आयरन और शामिल हैं। स्टील, लकड़ी और प्लाईवुड, खाद्य तेल, पैक्ड सामान्य सामान आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta

न्यूज़ग्राम के साथ Facebook, Twitter और Instagram पर भी जुड़ें/

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com