डांसर्स का हाल बुरा, स्कूलों ने डांस टीचर्स की काटी सैलरी या नौकरी से निकाला

भारत में डांस क्लासेस पर कोरोना का बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)
भारत में डांस क्लासेस पर कोरोना का बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)

"दिल्ली की एक झुग्गी में मैं अपने परिवार के साथ रहता था, डांस, ट्यूशन और अन्य इवेंट्स करते-करते मेरी आर्थिक स्थिती ठीक हुई। मैंने अपने परिवार के लिए पक्का घर रेंट पर लिया और वहां रहने लगे। महीने भर में कोरोना का प्रकोप फैला, जिसके बाद लॉकडाउन घोषित हो गया, मेरी सारी सेविंग्स खर्च हो गई, डांस क्लासेस बंद हो गईं और आज मैं फिर अपने परिवार के साथ झुग्गियों में रह रहा हूं।" दरअसल ये दुखद दास्तां अरुण कुमार की है जो की एक डांस टीचर हैं। कोविड 19 की वजह से डांस क्लासेस बंद हुईं और आज फिर उसी स्थिति में पहुंच चुके हैं, जहां से वो पहले निकले थे।

कोरोना बीमारी की वजह से सभी इंडस्ट्रीज पर काफी प्रभाव पड़ा। वहीं देश भर के डांसर्स भी इसकी चपेट में आये, हालांकि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी डांस टीचर्स की स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है। धीरे-धीरे गतिविधियों में तेजी आई है, लेकिन अभी भी डांस सीखने के लिए बच्चे आना पसंद नहीं कर रहे हैं। वहीं स्कूलों के बंद होने से भी इन डांस टीचरों पर असर हुआ। स्कूलों ने कोरोना महामारी में डांस टीचरों को या तो नौकरी से निकाल दिया, या फिर तन्ख्वाह काट ली गई। जिसकी वजह से डांस टीचर्स बेहद दुखी हैं। हालांकि डांस टीचर्स स्कूलों के अलावा अपने स्टूडियो या एकेडमी भी चलाते हैं।

परफेक्ट डांस एंड म्यूजिक एकेडमी को चलाने वाले अमित सिंह एक डांस टीचर हैं, उन्होंने आईएएनएस को बताया, "कोरोना काल ने सब कुछ बेहद मुश्किल कर दिया है, मैं पहले नोएडा के 3 से 4 स्कूलों में डांस सिखाने जाता था। लेकिन स्कूल बंद होते ही हमारा जो कॉन्ट्रैक्ट था, उसे खत्म कर दिया गया और बोल दिया गया कि अगले साल फिर आपसे संपर्क करेंगे।"

कोरोना की वजह से कोई बच्चा डांस एकेडमी में नहीं आ रहा है। (Pinterest)

उन्होंने बताया, "मैं अपनी एकेडमी भी चलाता हूं, लेकिन बच्चे आ ही नहीं रहे हैं। जिसकी वजह से वहां से भी कुछ कमाई नहीं हो रही है।"

टांडविक स्कूल ऑफ डांस एकेडमी चलाने वाले विपिन कुमार आईएएनएस को बताते हैं कि, "दिल्ली के एक मशहूर स्कूल में डांस टीचर हूं और नवंबर में मेरा कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो रहा है। वहीं स्कूल की तरफ से कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने के लिए मना कर दिया गया, क्योंकि मैंने अपने हक के लिए आवाज उठाई।"

दरअसल विपिन जिस स्कूल में डांस सिखाने जाते थे, वहां पहले उनकी सैलरी कटनी शुरू हुई, जिसके बाद उन्हें बोला गया कि आप लिव विदआउट पे पर चले जाओ। जिसके बाद विपिन ने इसकी शिकायत की, जिसके बाद स्कूल की तरफ से कॉन्ट्रैक्ट पूरा करने के लिए बोला गया।

उन्होंने बताया, "मेरी जानकरी में जो स्कूल हैं, उनमें टीचरों को लीव विदआउट पे पर डाल दिया है, कुछ स्कूल्स ने टीचरों की सैलरी ही काट दी है।"

"मैं जिस स्कूल में काम करता हूं, वहां से 25 टीचरों को निकाल दिया गया।"

हालांकि अभी भी कुछ स्कूलों के डांस टीचर्स हैं जो कि ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। जिसमें भी कुछ ही बच्चे हिस्सा ले रहे हैं, वहीं कई डांस टीचर्स ने अपने स्टूडियो बंद कर दिए, क्योंकि रेंट चुकाने के पैसे नहीं हैं।

डांसरों का ये भी मानना है कि, "डांसर्स को सरकार का कोई सहयोग नहीं मिला।"(आईएएनएस)

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