हर देश का अलग-अलग लोकतांत्रिक स्वरुप

हर देश का अलग लोकतंत्र {Wikimedia Commons}
हर देश का अलग लोकतंत्र {Wikimedia Commons}
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हाल ही में भारतीय चुनाव आयोग ने स्थानीय विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा ने सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में जीत हासिल की। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 255 सीटों पर जीत हासिल की है। जो कि सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत का आंकड़ा है। जिससे वर्ष 1989 के बाद भाजपा यूपी में लगातार सत्ता पर काबिज होने वाली पहली पार्टी बन गयी है। लंबे समय से भाजपा ने यूपी के चुनावों में जीत हासिल करने के लिये बड़ी कोशिश की। उसने कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त भोजन प्रदान करने, अपराधों का प्रहार करने जैसे कई कदम उठाए। जिसे स्थानीय लोगों की काफी सराहना मिली।

गौरतलब है कि यूपी की आबादी 20 करोड़ से अधिक पहुंच चुकी है, जो भारत में सब से बड़ी है। साथ ही इस प्रदेश में सांसदों की संख्या भी सब से ज्यादा है। इसलिये उत्तर प्रदेश में हासिल जीत का भारत के वर्ष 2024 के आम चुनावों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। जब हम चुनाव की बात करते हैं, तो लोग स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र के बारे में सोचते हैं। हालांकि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहा जाता है। पर वास्तव में लोकतंत्र अलग-अलग देशों में अलग-अलग रूप लेता है। जैसे भारत के पड़ोसी देश चीन में लोकतंत्र एक पूरी प्रक्रिया वाले लोकतंत्र के रूप में लोगों के सामने दिखता है।

चीन के दो सत्र अभी-अभी समाप्त हुए हैं। इन दो सत्रों में लोग इस पूरी प्रक्रिया वाले लोकतंत्र को गहन रूप से महसूस कर सकते हैं। चीन में विभिन्न स्तरीय जन प्रतिनिधि सामान्य मजदूर, किसान, सैनिक, तकनीकी कर्मचारी और आम प्रबंधक आदि से आए हैं। उन लोगों की संख्या सभी प्रतिनिधियों के दो तिहाई तक पहुंचती है। चीन का लोकतंत्र वैचारिक रूप से 'जनता को प्रथम स्थान पर रखने' और 'जनता का समर्थन' पर जोर देता है। इसलिये जनता इस मापदंड से सभी अधिकारियों की निगरानी व जांच करती है। इसके अलावा जन प्रतिनिधि सभा प्रणाली जैसे तरीके से जनता की बुद्धि व सुझाव भी विभिन्न स्तरीय सरकारों के निर्णय में पहुंच सकते हैं।

हालांकि विभिन्न देशों में लोकतंत्र के विभिन्न रूप होते हैं। पर लोकतंत्र का सामान्य उद्देश्य यह है कि लोगों को अपने देश के मामलों व सामाजिक मामलों के प्रबंधन में भाग लेने या उन मामलों पर स्वतंत्र रूप से अपनी राय व सुझाव व्यक्त करने का अधिकार होता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस{NM}

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