प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक(Nawab Malik) को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के पीछे मलिक की अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम(Underworld Don Dawood Ibrahim) और अन्य से जुड़े एक पीएमएलए मामला बताया जा रहा है। गिरफ्तारी के बाद दोपहर को मलिक को ईडी द्वारा सर जे. जे. अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लेकर जाया गया। ईडी की एक टीम सुबह करीब पांच बजे मलिक के घर गई थी और कुर्ला जमीन सौदे में कथित तौर पर माफिया के दागी होने के मामले में उन्हें पूछताछ के लिए ले गई थी। ईडी ने गिरफ्तारी के लिए सीआईएसएफ(Cisf) और मुंबई पुलिस की सुरक्षा टीमों की सहायता ली, क्योंकि बड़ी संख्या में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सुबह से एजेंसी के कार्यालय के बाहर शोर-शराबा किया।
ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अन्य से जुड़े पीएमएलए(PMLA) मामले में मनी ट्रेल पाया गया है। ईडी(ED) के सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि उन्हें कुछ रियल एस्टेट परियोजनाओं में नवाब मलिक(Nawab Malik) के बेनामी निवेश का विवरण मिला है। ईडी ने कहा कि वह इन आधारों पर मलिक की हिरासत की मांग करेगा। मलिक को कथित तौर पर दाऊद के भाई इकबाल कासकर के बयान के आधार पर तलब किया गया था। सूत्रों ने कहा कि कासकर के बयान में कुछ भूमि सौदों का जिक्र है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें समन जारी किया गया था। ईडी ने शुक्रवार को दाऊद के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था। कासकर 24 फरवरी तक ईडी की हिरासत में है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक(Nawab Malik) को कथित संदेहात्मक भूमि सौदा मामले में करीब 8 घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। यह कदम सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (MVA) के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि मलिक इस तरह से गिरफ्तार होने वाले पहले कैबिनेट मंत्री हैं, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
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आपको बता दें इसके पहले पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख(Anil Deshmukh) को ईडी द्वारा 2 नवंबर, 2021 को कथित भ्रष्टाचार और मनी-लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किए जाने के बाद मलिक पहले मौजूदा मंत्री और राकांपा के दूसरे ऐसे वरिष्ठ नेता बन गए हैं, जिन्हें केंद्रीय एजेंसी ने गंभीर आरोपों के साथ गिरफ्तार किया है।