केरल के एक बुजुर्ग दंपति ने अपने पोते की शादी में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु तक की यात्रा हेलीकॉप्टर से कर डाली। कोरोनावायरस महामारी के कारण उन्होंने सड़क, ट्रेन या एयरलाइन से यात्रा करना ठीक नहीं समझा। 90 साल के पूर्व आईआरटीएस अधिकारी लक्ष्मीनारायण ने आईएएनएस को बताया, "यह मेरे लिए ऐसा था जैसे मैं अपने बैकयार्ड से यात्रा करके आ गया। मुझे नहीं लगता कि कोच्चि या कोयम्बटूर से फ्लाइट लेने पर भी ऐसा होता। क्योंकि अपने घर से हवाई अड्डे तक पहुंचने में ही 2 से 4 घंटे का समय लग जाता।"
लक्ष्मीनारायण और उनकी 85 वर्षीय पत्नी ने केरल के पलक्कड़ से बेंगलुरु के लिए हेलीकॉप्टर लिया था, जो कि सड़क मार्ग से 394 किमी दूर है। वे शनिवार को बेंगलुरु के लिए रवाना हुए और सोमवार को उसी चार्टर्ड हेलीकॉप्टर से वापस आ गए।
इस दंपत्ति के पोते ने इस्कॉन मंदिर में शादी की। उसी ने अपने दादा-दादी को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की थी।
रेलवे के इस पूर्व अधिकारी ने कहा कि चूंकि हेलीकॉप्टर कमर्शियल फ्लाइट की तुलना में बेहद नीचे से उड़ान भरते हैं लिहाजा ऐसा लगा कि जैसे बादलों के बीच ग्लाइडिंग कर रहे हों।
लक्ष्मीनारायण ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, "हेलीकॉप्टर किसी भी स्थिति के लिए परिवहन का एक अच्छा तरीका है। जब परिवहन के सारे तरीके विफल हो जाते हैं तो यही काम आता है। फिर चाहे घने जंगल में प्रवेश करना हो या आपदा में बचाव कार्य करना हो।"
इस बुजुर्ग दंपति ने अपनी चार्टर्ड हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए 90 हजार रुपये प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान किया।(आईएएनएस)