30 साल बाद भी कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को चैन नहीं, अजय पंडिता की हत्या के बाद फूटा जनाक्रोश

कश्मीर में भारतीय सेना का समर्थन करने वाले लोगों को आतंकी संगठन टीआरएफ़ ने धमकी दी है।(सांकेतिक तस्वीर)Image Source: Wikimedia Commons
कश्मीर में भारतीय सेना का समर्थन करने वाले लोगों को आतंकी संगठन टीआरएफ़ ने धमकी दी है।(सांकेतिक तस्वीर)Image Source: Wikimedia Commons
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कल कश्मीर के अनंतनाग में हुई सरपंच अजय पंडिता की हत्या के बाद, पूरा देश एक स्वर में इसका विरोध कर रहा है। अजय पंडिता एक कश्मीरी पंडित थे। आपको बता दें की आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों को तकरीबन 17 सालों बाद फिर से निशाना बनाया गया है।

जानकारी के मुताबिक कल अजय पंडिता किसी काम से अपने घर से बाहर आए थे जब आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया। गोलियों से घायल हुए अजय पंडिता को आस पास के लोगों द्वारा अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टर ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस अभी तक उन हत्यारों की तलाश कर रही है, लेकिन इसी बीच कश्मीर के आतंकी संगठन दी रेजीस्टेंस फ्रंट(टीआरएफ़) ने इस हत्या की ज़िम्मेदारी ले ली है। टीआरएफ़ ने चेतावनी दी है की, भारत या भारत के हित की बात करने वाले किसी भी व्यक्ति को कश्मीर में बख्शा नहीं जाएगा।

अजय पंडिता अनंतनाग स्थित लरकीपोरा के लोकभवन पंचायत के सरपंच होने के साथ इलाके में काँग्रेस के प्रभावी नेता थे।

1990 में सक्रिय हुए कई आतंकी संगठनों द्वारा कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाए जाने की शुरुआत हुई थी, जिस कारण अनगिनत मासूम कश्मीरी पंडितों की दिन दहाड़े गोलियों से भून कर हत्या कर दी गयी थी। उन आतंकी संगठनों द्वारा पंडितों को कश्मीर को छोड़ देने की धमकी दी गयी थी, जिसके बाद लाखों की संख्या में कश्मीरी पंडितों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था।

फिर भी कुछ कश्मीरी पंडित आज भी वहाँ मौजूद हैं, और उन्ही में से एक अजय पंडिता भी थे, जिनकी हत्या कल टीआरएफ़ के आतंकवादियों द्वारा कर दी गयी। इस घटना का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। गौरतलब है की भारतीय सेना ने पिछले 24 घंटे में 9 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है।

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