श्रीराम चरित मानस की चौपाइयों और दोहों से गूंजेगा विश्व का कोना-कोना, पढ़ें

न्यूयॉर्क में प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर (Image:Wikimedia Commons)
न्यूयॉर्क में प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर (Image:Wikimedia Commons)
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By: Vivek Tripathi

पांच सदी तक अनिश्चिता में डूबी अयोध्या अब उल्लासित होने जा रही है। यहां पर खुशियां मनाई जा रही है। हर कोई राम का गुणगान कर रहा है। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर होने वाले समारोह के 24 घंटे पहले ही विश्व का कोना-कोना श्रीराम चरित मानस की चौपाइयों और दोहों से गूंजने लगेगा। इसकी तैयारियां पूरी हो गई है। अयोध्या के हनुमान गढ़ी से ऑनलाइन शुरू होने वाले इस अखंड मानस आयोजन का समापन भोपाल में होगा। रामोत्सव नाम से होने वाले इस कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल कुशीनगर के चकिया दुबौली गांव के निवासी डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रथम अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन श्रीराम चरित मानस पाठ के आयोजन को रामोत्सव का नाम दिया गया।

उन्होंने बताया कि 4-5 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन मानस पाठ किया जाएगा। विश्व के तमाम देशों में उनकी अपनी शैली में यह मानस पाठ होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन होने वाले इस पहले मानस पाठ में प्रवासी भारतीयों के साथ गोरखपुर मंडल के कुशीनगर जिले के मठिया-माधोपुर गांव के श्रीरामलीला समिति के ग्रामीण कलाकार भी शामिल होंगे। यहां स्थित सत्यम, शिवम, सुंदरम मंदिर परिसर में भी इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

इसमें हंगरी, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, मारीशस, इंग्लैंड समेत दर्जन भर देशों में रहने वाले भारतीय मूल के श्रीराम भक्त शामिल हो रहे हैं। ऑनलाइन आयोजन की शुरुआत अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर से होगा। समापन के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को चुना गया है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त की सुबह 7 बजे से शुरू होने वाले इन आयोजन में चुनिंदा मानस टीमों के लिए समय आवंटित है। यह अपने नियत समय पर अनलाइन जुड़ेंगे और इनका देश-दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में लाइव प्रसारण होगा।

उन्होंने बताया कि गोरखपुर मंडल से कुशीनगर जिले के कसया ब्लाक के मठिया माधोपुर गांव को भी आमंत्रित किया गया था। सहमति मिलने के बाद इनके लिए समय आवंटित कर दिया गया है। वर्ष 1840 से होने वाली श्रीरामलीला की वजह से ही इसका चुनाव हुआ। यहां की विशेषता है कि गांव के नौजवान ही श्री रामलीला में किरदार निभाते हैं। (आईएएनएस)

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