कोरोना की तीसरी लहर से दिल्लीवासियों को बचाने के लिए आईआईटी दिल्ली ने एक विशेष रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार एवं न्यायालय को सौंपी गई है। अपनी रिपोर्ट में आईआईटी ने दिल्ली में ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे और आपूर्ति में सुधार के लिए दिल्ली सरकार को रणनीतिक सिफारिशें प्रदान की हैं।
आईआईटी दिल्ली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में दिल्ली को प्रतिदिन 45 हजार कोरोना संक्रमण के मामलों के लिए तैयार रहना होगा। साथ ही तब हर रोज करीब 9000 लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी।
ऐसी स्थिति में दिल्ली में कोरोना रोगियों के उपचार के लिए प्रतिदिन 944 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत होगी। कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन की आपूर्ति और इसकी सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए आईआईटी दिल्ली और दिल्ली सरकार की एक संयुक्त टीम बनाई गई। इसमें आईआईटी के विशेषज्ञ, दिल्ली सरकार के अधिकारी, स्वास्थ्य एवं आईटी विभाग आदि अधिकारी शामिल हुए। इस टीम ने उन मुद्दों का विश्लेषण किया, जो ऑक्सीजन प्रबंधन में रुकावट बन रहे थे।
आईआईटी दिल्ली की टीम ने जो समाधान खोजे हैं उनमें मुख्य रुप से दिल्ली में ऑक्सीजन भंडारण, उत्पादन और वितरण को बढ़ाने की योजना है। आईआईटी ने दिल्ली में ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे का विश्लेषण कर और ब्लू प्रिंट तैयार किया है। इसके मुताबिक दिल्ली सरकार को 20-100 टन की क्षमता वाले 20-25 क्रायोजेनिक ऑक्सिजन टैंकर खरीदने को कहा गया है। इससे ऑक्सिजन का वितरण सुगम होगा।
दिल्ली को तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए।(सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को ऑक्सिजन टैंकर के साइज को लेकर सजग रहना होगा। यह वयवस्था ट्रांसोपोर्ट के अलग-अलग माध्यमों के अनुरूप होनी चाहिए। आईआईटी दिल्ली ने ऑक्सीजन प्रबंधन के लिए बनाए गए वर्तमान आईटी पोर्टल और डैशबोर्ड को बेहतर बनाने की बात कही है। इसके अलावा आईआईटी की इस टीम ने दिल्ली सरकार इस पर भी समाधान सुझाए हैं कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन के सिस्टम को सुधारने के लिए तकनीकी समाधानों को एकीकृत करें।
दिल्ली के भीतर ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे और सप्लाई एवं आपूर्ति में आ रही समस्याओं को हल करने के लिए व्यावहारिक समाधान विकसित किए हैं। संयुक्त टीम ने दिल्ली उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। आईआईटी दिल्ली स्थित प्रबंधन अध्ययन विभाग प्रोफेसर संजय धीर ने कहा, "हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में ऑक्सीजन से संबंधित बुनियादी ढांचे के मुद्दों के कारण कोई जान न जाए। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि हम विशिष्ट और
व्यावहारिक रूप से लागू करने योग्य समाधान खोजें।"
आईआईटी दिल्ली के साथ सहयोग की बात करते हुए, दिल्ली के व्यापार और कराधान आयुक्त अंकुर गर्ग ने कहा, "दिल्ली पहले से ही सीओवीआईडी 19 की तीसरी लहर की तैयारी कर रही है और आईआईटी दिल्ली के साथ सहयोग इस रणनीतिक योजना प्रक्रिया को और अधिक कारगर बना देगा।"(आईएएनएस-SHM)