

हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, जिसे 29 जुलाई 2020 को भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था, भारत की नई शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य 2040 तक भारत की शिक्षा प्रणाली को बदलना है और अब शिक्षा को देश में आगे बढ़ाने के लिए एक नई पहल की गई है। इस नई योजना को लेकर भारत में गूगल के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय शिक्षा मंत्री के बीच एक अहम बैठक भी हो चुकी है। जहां गूगल इंडिया और शिक्षा मंत्रालय छात्रों और देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं।
यह साझेदारी ना केवल भारत के छात्रों को मजबूत बनाएगी बल्कि उन्हें क्लासरूम के बाहर भी तकनीकी तौर से सशक्त बनाएगी। साथ ही, भारतीय युवा वैश्विक प्रौद्योगिकी और भविष्य के कौशल से लैस होंगे। गूगल ने शिक्षा के संबंध में भारत में लनिर्ंग प्लेटफॉर्म्स पर 50 से अधिक नई सुविधाएं शुरू की हैं। जैसे:फीचर अपडेट, एडटेक, बेस्ट एडटेक इंडिया, ऑफलाइन कॉन्टेंट, गूगल क्लासरूम, गूगल मीट अपडेट, एजुकेशन न्यूज आदि।
गूगल इंडिया के कंट्री हेड और शिक्षा मंत्रालय के वीपी संजय गुप्ता ने शिक्षा से जुड़े विभिन्न तकनीकी मुद्दों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है, बैठक मंगलवार को शिक्षा मंत्रालय में हुई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि गूगल इंडिया कंट्री हेड और वीपी संजय गुप्ता के साथ शिक्षार्थियों को सशक्त बनाने, युवाओं को भविष्य की तकनीक और कौशल से लैस करने, डिजिटल डिवाइड को पाटने और विशेष रूप से वंचितों के लिए पहुंच बढ़ाने पर बातचीत हुई।
गूगल और शिक्षा मंत्रालय साथ मिलकर संस्थानों को तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे। (WIKIMEDIA COMMONS)
स्कूलों और कॉलेजों में, छात्रों और शिक्षकों को असाइनमेंट के लिए पीडीएफ और मोबाइल फोटो अपलोड करने होते हैं। छात्रों और विभिन्न शिक्षण संस्थानों दोनों को ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग करते समय प्रौद्योगिकी की विशेष आवश्यकता है। इस प्रक्रिया में छात्रों को विभिन्न ऑनलाइन परीक्षाओं के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। कई बार, इन समस्याओं को देखते हुए, विभिन्न विश्वविद्यालय फाइल अपलोड करने के लिए अतिरिक्त घंटे और दिन भी प्रदान करते हैं।
इसके बावजूद भी यह समस्या बनी रही जिस वजह से गूगल, छात्र एवं शिक्षण संस्थानों को जल्द ही इस समस्या का समाधान भी देने जा रही है। बावजूद इसके समस्याएं बनी रहीं। गूगल, छात्रों एवं शिक्षण संस्थानों को जल्द ही इस समस्या का समाधान एक नए और आधुनिक ऐप के माध्यम से देगा। भारत में क्षेत्रीय भाषा की मांग के साथ-साथ तकनीक-सक्षम उपकरणों का उपयोग करने में मोबाइल-प्रथम दृष्टिकोण एक बड़ा क्षेत्र था।इसके अलावा, गूगल भारतीय छात्रों के लिए स्थानीय और भारतीय भाषाओं में भी महत्वपूर्ण शिक्षा विकल्प उपलब्ध कराने जा रहा है। पिछले एक साल में, सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय और विभिन्न राज्यों के साथ साझेदारी में गूगल द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में पांच लाख से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया है।
वही गूगल के द्वारा गूगल क्लासरूम में नहीं सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। इनमें बेहतर मोबाइल ग्रेडिंग और क्लासरूम ऐड-ऑन फीचर शामिल हैं। यह कक्षा में किसी तृतीय-पक्ष एडटेक उपकरण या प्लेटफ़ॉर्म के सीधे एकीकरण की अनुमति देता है। गूगल मीट में भी कई फीचर्स को बढ़ाया जा रहा है। नए अपग्रेड के तहत शिक्षकों का अपनी ऑनलाइन कक्षाओं पर अधिक नियंत्रण होगा।
करोना कि इस महामारी में गूगल क्लासरूम के माध्यम से ऑनलाइन एजुकेशन को काफी बढ़ावा भी मिला। जहां छात्रों और शिक्षकों, दोनों ने ही नई चीज को अन्वेषण किया और अपने आप को सशक्त बनाया। ऑनलाइन एजुकेशन को सफल बनाने में गूगल का बड़ा योगदान रहा है।
Input: IANS; Edited By: Tanu Chauhan