जमात उलमा-ए-हिंद पर कार्यवाही करें सरकार-विहिप

विश्व हिंदू परिषद ने आतंकवादियों के पक्ष में खड़े होने के जेयूएच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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विश्व हिंदू परिषद ने आतंकवादियों के पक्ष में खड़े होने के जेयूएच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। (File Photo)

जमात उलमा-ए-हिंद (जेयूएच) अध्यक्ष अरशद मदनी ने अहमदाबाद विस्फोटों(Ahmedabad Blasts) में दोषियों के लिए समर्थन की घोषणा की थी और कहा था कि उनका संगठन उन्हें कानूनी मदद प्रदान करेगा।जेयूएच के इस बयान के बाद से चौतरफा उनकी आलोचना हो रही है। अब विश्व हिंदू परिषद की तरफ से भी एक बयान सामने आया है। विश्व हिंदू परिषद ने आतंकवादियों के पक्ष में खड़े होने के जेयूएच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि अहमदाबाद विस्फोटों में अदालत का फैसला ऐतिहासिक है क्योंकि अदालत ने 38 लोगों को मौत की सजा और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आठ आतंकवादी अभी भी फरार हैं। आरोपियों ने 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में 22 विस्फोट किए थे, जिसमें 56 लोग मारे गए थे और 200 लोग घायल हुए थे। यहां तक कि एक अस्पताल में भी धमाका हुआ था।

उन्होंने बिना किसी चश्मदीद के आतंकवादियों के पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के तार उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ तक फैले हुए हैं। जांच दल और यहां तक कि न्यायाधीश को भी मामले के दौरान मौत की धमकी का सामना करना पड़ा। ऐसे तत्वों का समर्थन करने वाला बीएचयू विभाजनकारी गतिविधियों में इसकी प्रत्यक्ष भागीदारी और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को इंगित करता है।

विहिप नेता ने आगे श्रीलंका का उदाहरण दिया जहां वकीलों ने आतंकवादियों के मामले को उठाने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने भी जेयूएच के फैसले पर चिंता व्यक्त की है। मंच ने कहा कि यह अदालत का फैसला है न कि किसी राजनीतिक दल का।

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मंच के प्रवक्ता शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि अदालत ने तुष्टीकरण की नीतियों का पालन नहीं किया और सबूतों के आधार पर अपना फैसला इसके अलावा सिद्दीकी ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने इतनी जानें लीं, वे कड़ी से कड़ी सजा के पात्र हैं।

input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta
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