सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की 354वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और चंडीगढ़ में हजारों की संख्या में भक्त उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गुरुद्वारों में पहुंचे। गुरु गोविंद सिंह (1666-1708) ने 1699 में आनंदपुर साहिब में 'खालसा पंथ' की स्थापना की।
इस दिन 'हरमंदिर साहिब' में लोगों की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिली। यह पंजाब के अमृतसर में स्थित सिखों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे गोल्डन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है और यह इस क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों में से भी एक है। यहां भक्तजनों का बुधवार सुबह से ही तांता लग गया। लोगों ने यहां प्रार्थनाएं कीं और कीर्तन भी सुने।
इस अवसर पर गोल्डन टेंपल के परिसर को रोशनी से सजाया गया।
स्वर्ण मंदिर (Pixabay)
यहां से 85 किलोमीटर की दूरी पर आनंदपुर साहिब शहर में स्थित तख्त केसगढ़ साहिब गुरुद्वारा में भी भक्त काफी बड़ी तादात में सुबह से ही पहुंचने लगे हैं। यह वही जगह है, जहां Guru Gobind Singh ने 'खालसा पंथ' की नींव रखी थीं।
चंडीगढ़ के समीप पंचकुला में स्थित गुरुद्वारा नाडा साहिब में भी प्रार्थना करने के लिए हजारों की संख्या में जुटे। यह स्थान 10वें सिख गुरु के दौरे से संबंधित है।
गुरु गोविंद सिंह की जयंती की पूर्व संध्या में क्षेत्र में कई स्थानों पर भव्य झाकियां निकाली गईं। भक्तों में भोजन का वितरण करने के लिए कई जगहों पर लंगर की भी व्यवस्था की गई।
पंजाब के राज्यपाल वी.पी. बदनौर और मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने इस खास अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और उनसे गुरु की दी हुई शिक्षाओं का अनुसरण करने, शांति और सद्भावना को बनाए रखने की अपील की।(आईएएनएस)