आईईटी इंडिया ने अपनी एक नई रिपोर्ट में कुछ निष्कर्ष जारी किए हैं, जो कोविड-19 की अनिश्चितताओं के बाद भारतीय वर्कफोर्स (कार्यबल) से संबंधित है। इसमें मध्य-स्तर और प्रवेश-स्तर के दृष्टिकोण को दर्शाया गया है। कोविड-19 महामारी के बाद बदले हालातों के बीच भारत भर में कुल 789 लोगों पर अध्ययन किया गया है, जिसमें विशेष तौर पर नौकरी और कार्यस्थल को लेकर लोगों की राय ली गई है।
अध्ययन में सामने आया है कि बदली परिस्थितियों के बीच काम करने के लचीले (फ्लेक्सिबल) तरीके अब सामान्य हो गए हैं। मानसिक स्वास्थ्य संवाद को प्रमुखता मिलेगी और ऑन एवं ऑफ वर्कप्लेस तथा बिल्डिंग रेजिलिएंस दोनों ही भारत इंक के लिए प्रमुख फोकस होंगे।
अध्ययन में सामने आया है कि लोग विश्वास, नियंत्रण और सुविधा के आधार पर एक से दूसरे स्थान पर जाने में अधिक व्यक्तिगत नजर आ रहे हैं, क्योंकि लगभग 92 प्रतिशत लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए किसी के साथ वाहन साझा करने के बजाय अपने स्वयं के वाहन का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं।
आईईटी इंडिया का लोगो । ( Wikimedia commons )
यह इलेक्ट्रॉनिक वाहनों (ईवी) और संबंधित उद्योगों के लिए अवसर भी प्रस्तुत करता है। महामारी के दौरान कई चीजों के साथ ही लोगों की सामान्य सोच भी बदली है। अध्ययन में कुछ प्रमुख निष्कर्ष निकले हैं, जो इस बात को बयां कर रहे हैं। अध्ययन के नतीजों से सामने आया कि 35 प्रतिशत युवा पेशेवर घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) जारी नहीं रखना चाहते हैं, जबकि 30 से 50 साल के वर्ग के 50 प्रतिशत लोग आगे भी घर से ही काम जारी रखना चाहते हैं।
इसके अलावा पता चला है कि 77 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि वर्चुअल (ऑनलाइन) टीमों का प्रबंधन करना आसान है। वहीं 74 प्रतिशत लोगों को यह भी लगता है कि उनके सहयोगियों के साथ उनके जो संबंध थे, वे अब वर्चुअल तरीके से शुरू हुए काम के बाद बिगड़ गए हैं। वहीं 74 प्रतिशत लोगों को लगता है कि नए कर्मचारियों को वर्चुअल तरीके से प्रशिक्षित करना वास्तव में एक चुनौती है।
इसके अलावा 63 प्रतिशत लोगों को लगता है कि भविष्य में करियर की वृद्धि कमजोर होगी और 58 प्रतिशत लोगों को लगता है कि नौकरी की सुरक्षा अतीत की बात है। आईईटी इंडिया के निदेशक और कंट्री हेड शेखर सान्याल ने कहा कि 'वॉयस फ्रॉम द ग्राउंड' रिपोर्ट भारतीय कार्यबल के अनसुने दृष्टिकोणों को समझाने का काम करती है।
सान्याल ने कहा कि हमारा मानना है कि जिस दुनिया की हम उम्मीद कर रहे हैं और 2021 से शुरू होने वाली वह चीज, जिसकी हम कल्पना कर रहे हैं, उससे बहुत अलग होने वाली है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट व्यावसायिक नेताओं (बिजनेस लीडर्स) के लिए वास्तविकता के एक आईने की तरह है और वह महामारी के बाद की दुनिया में बदले हालातों को देखते हुए अपनी भविष्य की योजनाएं बना सकते हैं। (आईएएनएस)