भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सुधार आने के बाद सरकार ने कुछ नियमों के साथ अनलॉक की मंजूरी दे दी है। इस अनलॉक के तहत कई कामकाजी लोगों और व्यापारियों को अपने व्यापार को वापस, पटरी पर लाने में लाभ मिल रहा है। लेकिन इस अनलॉक का फायदा वह लोग भी उठा रहे हैं, जिनके लिए पर्यटन(Tourism) ही शौक है। पर्यटन और लम्बे समय तक घर में बैठने का बहाना लेकर हजारों की संख्या में लोगों ने पहाड़ी और ठंडे इलाकों का रुख किया है। लेकिन इस राहत ने कोरोना(corona virus) के नियमों को ताड़-ताड़ कर दिया है। किन्तु, मुद्दा यह नहीं है कि अय्याशी के अड्डों को खोला गया है, मुद्दा यह है कि यदि कोरोना कि तीसरी लहर को रोकने के लिए चार धाम यात्रा(Char Dham Yatra) को रोका गया है तो इन अय्याशी के अड्डों को खोलकर तीसरी लहर को निमंत्रण देने की किसने मंजूरी दी है?
आपको बता दें कि चार धाम यात्रा(Char Dham Yatra) को कोरोना की वजह से हाईकोर्ट के फैसले पर स्थगित कर दिया गया है, जिस वजह से उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अब हिमाचल या उत्तराखण्ड में जिस तेजी से पर्यटन बढ़ रहा है, इससे तीसरी लहर को न्योता दे दिया गया है या दिया जा रहा है।
इस मामले पर केंद्र और स्वास्थ्य सलाहकार पहले ही चिंता व्यक्त हर चुके है। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिमाचल प्रदेश सरकार को कोरोना नियमों में उल्लंघन हेतु कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिमला और मनाली में पर्यटकों के बीच कोविड-19 उचित व्यवहार के बड़े पैमाने पर उल्लंघन को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा। आपको बता दें कि कोरोनावायरस प्रतिबंधों में ढील के एक महीने से भी कम समय में, इन उत्तरी राज्यों में लगभग 6 से 7 लाख पर्यटकों का आगमन-गमन हुआ है। यह विषय इस लिए भी चिंताजनक है क्योंकि कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट देश में आ चुका है और यह सबको ज्ञात है, किन्तु उस वेरिएंट से बचाव के लिए जरूरी मापदंडों के पालन में लोग लापरवाही बरत रहे हैं।
बहरहाल, उत्तराखंड सरकार सीमित श्रद्धालुओं के साथ चार-धाम(Char Dham Yatra) यात्रा को पुनः खोलने का विचार कर चुकी थी। किन्तु हाइकोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देश पर इसे स्थगित कर दिया गया। आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखण्ड सरकार ने मंगलवार को ही हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए चार धाम यात्रा को पुनः शुरू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। चार धाम यात्रा हिन्दुओं के लिए मुख्य धार्मिक यात्राओं में से एक है। चार धाम में इन चार प्रसिद्ध धामों के दर्शन का अवसर प्राप्त होता है यमनोत्री धाम, गंगोत्री धाम, बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धाम।