उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों ने बढ़ते क्राइम ग्राफ को देखते हुए और 'बुरी आत्माओं को दूर भगाने' के लिए हवन का आयोजन किया। हवन का आयोजन 3 जुलाई को हुए बिकरू कांड को देखते हुए आयोजित कराया गया, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए और सात अन्य घायल हो गए थे।
हवन का आयोजन मंगलवार को किया गया। गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद चौबेपुर पुलिस स्टेशन में तैनात सभी कर्मचारियों को हटा दिया गया था।
स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने कहा कि एक स्थानीय पुजारी ने उन्हें बुरी आत्माओं से मुक्त करने के लिए नियमित रूप से पूजा करने की सलाह दी थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "कई कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान असहज महसूस करने की शिकायत की थी, इसलिए हमने सोचा कि हवन से माहौल बेहतर हो सकता है। हमने बिकरू हत्याकांड के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और हम अतीत को अपने पीछे रखना चाहते हैं।"
कुछ स्थानीय ग्रामीणों के साथ लगभग सभी ड्यूटी स्टाफ ने हवन में भाग लिया।
हवन के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी ने शिकायतकर्ताओं की शिकायत दर्ज नहीं की और उन्हें पूजा खत्म होने तक इंतजार करना पड़ा। (सांकेतिक तस्वीर, Wikimedia Commons)
पुजारी ने मंत्रोच्चार के साथ कर्मचारियों को आश्वस्त कराया कि पुलिस स्टेशन अब बुरे प्रभावों से मुक्त हो गया है।
वहीं हवन के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी ने शिकायतकर्ताओं की शिकायत दर्ज नहीं की और उन्हें पूजा खत्म होने तक इंतजार करना पड़ा।
चौबेपुर स्टेशन के इंचार्ज डी. चौधरी ने संवाददाताओं को बताया, "थाने की पवित्रता के लिए हवन का आयोजन किया गया।"
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कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में सर्किल ऑफिसर समेत आठ पुलिसकर्मियों को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने मिलकर मार डाला था।
वहीं विकास दुबे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था। उसके पांच साथी भी पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए।(आईएएनएस)