भारत आज के दिन में “दुनिया की फार्मेसी” बन गया है-मोदी

भारत आज के दिन में "दुनिया की फार्मेसी" बन गया है-मोदी (Wikimedia Commons)
भारत आज के दिन में "दुनिया की फार्मेसी" बन गया है-मोदी (Wikimedia Commons)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने गुरूवार को एक बयान में कहा की भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र द्वारा अर्जित वैश्विक विश्वास के कारण दुनिया भारत को "दुनिया की फार्मेसी"(Pharmacy Of The World) के नाम से बुला रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम पूरी मानव जाति की भलाई में विश्वास करते हैं और हमने इस भावना को पूरी दुनिया को कोविड -19 वैश्विक महामारी के दौरान दिखाया है।"

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "हमने महामारी के शुरुवाती चरण में 150 से ज़्यादा देशों को स्वास्थ्य उपकरणों और जीवन रक्षक दवाओं का निर्यात किया है। हमने इस साल 100 से ज़्यादा देशों को 6.5 करोड़ से ज़्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज़ निर्यात की है।

प्रधानमंत्री ने ये बातें फार्मासूटिकल क्षेत्र(Pharmaceutical Sector) के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट के उद्घाटन के दौरान कही। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया(Mansukh Mandaviya) भी मौजूद थे। सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि महामारी ने फार्मास्युटिकल क्षेत्र को तेजी से फोकस में ला दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "चाहे जीवनशैली हो, दवाएं हों, चिकित्सा तकनीक हो या टीके हों, स्वास्थ्य सेवा के हर पहलू पर पिछले दो वर्षों में वैश्विक ध्यान गया है। भारतीय दवा उद्योग भी चुनौती के लिए तैयार हो गया है।"

प्रधानमंत्री ने नवाचार के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की भी कल्पना की, जो भारत को दवा की खोज और नए चिकित्सा उपकरणों में अग्रणी बनाएगा।

उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के आधार पर नीतिगत हस्तक्षेप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों का एक बड़ा पूल है, जिसमें उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है।

प्रधानमंत्री ने ये बातें फार्मासूटिकल क्षेत्र के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट के उद्घाटन के दौरान कही। (Wikimedia Commons)

उन्होंने कहा, "इस ताकत को 'डिस्कवर एंड मेक इन इंडिया' के लिए इस्तेमाल करने की जरूरत है।"

मोदी ने कहा, "आज, जब भारत के 1.3 अरब लोगों ने भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया है। हमें टीकों और दवाओं के लिए प्रमुख सामग्री के घरेलू निर्माण में तेजी लाने के बारे में सोचना चाहिए। यह एक ऐसी सीमा है, जिसे भारत को जीतना है।"

प्रधानमंत्री ने हितधारकों को आइडिया इन इंडिया, इनोवेट इन इंडिया, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वल्र्ड के लिए आमंत्रित किया है।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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