Jahangir Puri, Karauli और Khargone हिंसा के तार आपस में जुड़े तो नहीं, पता करने में जुटीं जांच एजेंसियां

शोभायात्रा निकालने के दौरान भड़की हिंसा की घटनायें आपस में समान हैं, जो किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं।(Wikimedia commons)
शोभायात्रा निकालने के दौरान भड़की हिंसा की घटनायें आपस में समान हैं, जो किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं।(Wikimedia commons)
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केंद्रीय जांच एजेंसियां फिलहाल यह पता करने में जुटी हैं कि दिल्ली(Delhi) के जहांगीर पुरी इलाके में भड़की हिंसा(Jahangir Puri violence) के तार राजस्थान के करौली(Karauli) और मध्यप्रदेश के खरगोन(Khargone) में हुई हिंसक घटना से तो नहीं जुड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियां जहांगीर पुरी हिंसा(Jahangir Puri violence) के सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं। वह साथ ही यह पता कर रही हैं कि यह घटना स्थानीय और स्वत: स्फूर्त थी या किसी साजिश के तहत इसकी योजना बनायी गयी।

रामनवमी(Ramanavami) की शोभायात्रा निकालने के दौरान भड़की हिंसा की घटनायें आपस में समान हैं, जो किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं। सूत्रों के मुताबिक यह सभी घटनाओं उन इलाकों में हुई हैं, जहां लंबे समय से हिंदू और मुस्लिम साथ रहते चले आ रहे थे।

पिछले कुछ सप्ताह के दौरान देश के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है। रामनवमी के दौरान गुजरात, झारखंड और पश्चिम बंगाल के भी कुछ हिस्सों में हिंसा हुई।

गत दो अप्रैल को इन हिंसक घटनाओं की शुरूआत राजस्थान के करौली से हुई जहां कुछ हिंदू संगठन शोभायात्रा निकाल रहे थे। शोभायात्रा जब मुस्लिम बहुल इलाके से गुजरी तो इस पर पथराव किया गया। इस घटना में 42 से अधिक लोग घायल हो गये। उस दिन दोनों समुदायों के बीच हुई झड़प में कई दुकानें, गाड़ियां आदि आग के हवाले कर दी गयीं।

इसी तरह की घटना फिर मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई। स्थानीय जामा मस्जिद के इलाके में तालाब चौक इलाके से जब शोभायात्रा गुजर रही थी, तो कथित रूप से नमाज पढ़ने के बाद मस्जिद से बाहर निकले लोगों ने उन्हें भड़काया। इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से पथराव होने लगा।

इसके बाद जहांगीर पुरी इलाके में भी शनिवार की शाम को ऐसा ही हुआ। यहां दोनों समुदायों के लोगों ने तलवारें लहरायीं और एक-दूसरे पर पथराव किया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली में शोभायात्रा पुलिस की अनुमति के बाद निकाली गयी थी लेकिन तैनात पुलिसकर्मिर्यो की संख्या मामले को नियंत्रित करने के लिये पर्याप्त नहीं थी।

हिंसा के भड़कते ही गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को तत्काल स्थिति पर काबू पाने के लिये जहांगीर पुरी में अतिरिक्त बल भेजने का निर्देश दिया।

पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य षड्यंत्रकारी अनसर भी शामिल है।

आईएएनएस(DS)

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