राज्यों में टीकाकरण को तेज करने के लिए स्थानीय प्रतिरक्षण दूतों को शामिल किया जाए: स्वास्थ्य मंत्रालय

'हर घर दस्तक' अभियान के तहत टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है। [twitter]
'हर घर दस्तक' अभियान के तहत टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रहा है। [twitter]
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केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड वैक्सीन (covid vaccine) की दूसरी खुराक पर विशेष ध्यान देने के साथ बड़े पैमाने पर टीकाकरण कवरेज को तेज करने के लिए स्थानीय टीकाकरण राजदूतों को शामिल करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि जिलों और गांवों के ऐसे भरोसेमंद व्यक्तियों और समुदाय के नेताओं की पहचान की जाए और उन्हें टीकाकरण राजदूत के रूप में नियुक्त किया जाए, जो वैक्सीनेटिड हैं और अपने साथियों के समूहों को प्रभावी ढंग से प्रेरित कर सकते हैं।

पत्र में कहा गया है कि टीके की दोनों खुराक लेने और टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करने के महत्व पर जरूरी सलाह देने के लिए उन्हें 'हर घर दस्तक' अभियान के बारे में जानकारी दी जाए।

टीकाकरण अभियान के तहत किए जाने वाले उपायों पर, मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि कोविन पर रेफरल कोड प्रत्येक राजदूत को सौंपा जा सकता है।

उन राजदूतों के लिए प्रमाण पत्र देने का सुझाव दिया जो पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करते हैं।

साथ ही उन लोगों के लिए स्थानीय भाषाओं में मोबाइल फोन के माध्यम से आईवीआर संदेश के लिए भी सुझाव दिया है जिन्हें पहली खुराक मिली है और दूसरी बाकी है। इन संदेशों को स्थानीय नायक के राजदूत की आवाज में रिकॉर्ड किया जाए।

कार्य स्थल पर टीकाकरण का आयोजन करना और पूरी तरह से टीका लगाए गए कर्मचारियों को बैज प्रदान करना लक्ष्य को प्राप्त करने का एक और तरीका है। कार्यालयों, संगठनों और अन्य कार्यस्थलों के कर्मचारियों को भी टीकाकरण संदेश वाले बैज प्रदान किए जा सकते है।

पत्र में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि 'हर घर दस्तक' अभियान 30 नवंबर तक चलेगा। जिलों को सभी छूटे हुए लाभार्थियों की पहचान करनी है और उनका प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करना है। (आईएएनएस)

Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh

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