“आज मुझे भड़काना बहुत आसान है”

हिंदुत्व को सॉफ्ट टारगेट बनाना आसान है। (Wikimedia Commons)
हिंदुत्व को सॉफ्ट टारगेट बनाना आसान है। (Wikimedia Commons)
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हिंदुत्व क्या केवल एक विषय मात्र है? क्यों हर बार भारत के तथाकथित बुद्धिधारी अगर धर्म के विषय में अपना मुँह खोलते हैं तो केवल हिन्दू पर ही निशाना साधते हैं? इसका सही या सटीक उत्तर आपका मत ही बता सकता है, लेकिंन हिन्दुओं को एक नई उपाधि से पुकारा जाता है और वह है 'सॉफ्ट टारगेट' क्योंकि हमारे खिलाफ जितना भी बुरा बोल लो बचाने के लिए हिन्दू ही सामने आ जाता है। आज अगर किसी ने श्री राम का नाम भी ले लिया तो उसे देश निकाला दे दिया जाएगा और इस बात की पुष्टि करते हैं तृणमूल कांग्रेस के एक नेता। जिन्होंने बंगाल में हुए अपनी सभा में लोगों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह बंगाल में रहना चाहते हैं तो तो वह 'जय श्री राम' के नारे नहीं लगा सकते। यह बयान तब सामने आया है जब खुद ममता बनर्जी राज्य के हिन्दुओं को लुभाने में जुटी हुई हैं।

बात यहीं पर समाप्त नहीं होती है, हाल ही में मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता आरिफ मसूद का एक ऐसा बयान सामने आया जिसे सुन कर आप भी दंग रह जाएंगे। उन्होंने कहा था कि "फ्रांस के राष्ट्रपति के कार्य को भारत में बैठी हिंदूवादी सरकार सहमती दे रही है। मध्यप्रदेश में बैठी हिंदूवादी सरकार मुस्लिम वर्ग के अपमान को शह दे रही है।" आगे कहते हैं कि "हिंदुस्तान की सरकार कान खोलकर सुन ले, यदि फ्रांस के इस कृत्य का विरोध नहीं किया गया, तो हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे।"

हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने ही कश्मीर घाटी में आग भड़काने वाले समूह गुपकार को समर्थन दिया था और जब किरकिरी हुई तो समर्थन वापस भी ले लिया।

हिंदुत्व को सॉफ्ट टारगेट इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब किसी मंदिर में प्रतिमा को खंडित कर दिया जाता है तब कोई भी 'बुद्धिधारी' अपनी प्रतिक्रिया नहीं देता। कहीं पर भी अवॉर्ड वापसी का नाटक नहीं खेला जाता। आज ही कर्नाटक में होयसला काल की महाकाली की मूर्ति को उपद्रवियों ने खंडित कर दिया। जिस पर न तो कोई ट्वीट हुए और न ही कोई प्रतिक्रिया आई। किन्तु यही वह लोग हैं जिन्होंने अयोध्या राम मंदिर पर कहा था कि "यहाँ मंदिर की जगह अस्पताल या विद्यालय बना देना चाहिए।"

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