हमारे भारत देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो चुके हैं लेकिन हम अभी भी भ्रष्टाचार से आजाद नहीं हो पाए हैं। इसीलिए भारत सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम फरवरी,1964 में उठाया जब केन्द्रीय सतर्कता आयोग(Central Vigilance Commission) की स्थापना करी गई। आपको बता दें केंद्रीय सतर्कता आयोग के द्वारा 'सतर्कता जागरूकता सप्ताह' चलाया जाता है। यह प्रति वर्ष मनाया जाता है। आज हम आपको सतर्कता जागरूकता सप्ताह के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देंगे –
क्या है सतर्कता जागरूकता सप्ताह?
केंद्रीय सतर्कता आयोग(Central Vigilance Commission) द्वारा प्रतिवर्ष 26 अक्टूबर से 1 नवंबर 2021 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जाता हैं। अब आप लोग सोच रहे होंगे यह क्यों और किस कारण से मनाया जाता है। दरअसल इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य भ्रष्टाचार के बढ़ते खतरे और उसके परिणामों की चिंता करना है। इसके अलावा 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनके सम्मान में जागरूकता अभियान चलाया जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सतर्कता जागरूकता सप्ताह अभियान चलाया गया। अब की बार का थीम "'स्वतंत्र भारत @ 75: सत्यनिष्ठा के साथ आत्मनिर्भरता'।" रखा गया है। इस थीम से मतलब यही समझा जा सकता है कि प्रत्येक भारतीय भ्रष्टाचार के विरुद्ध में जागरूक होकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान प्रदान कर सकता है
कब से हुई सतर्कता जागरूकता सप्ताह की शुरुआत?
सतर्कता जागरूकता सप्ताह की शुरुआत सन 1999 में हुई। इस अभियान की शुरुआत में तात्कालिक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त नागराजन विट्टल का योगदान अहम माना जाता है। आपको बता दें एंन विठ्ठल एक भारतीय सिविल सेवक हैं, जिन्होंने भारत सरकार में कई वरिष्ठ पदों पर कार्य किया है, जिनमें सबसे प्रमुख रूप से केंद्रीय सतर्कता आयुक्त हैं। उन्हें 2012 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। सन 1992 से लगातार सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है।
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सतर्कता जागरूकता सप्ताह का महत्व-
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भारत के सभी नागरिकों को जागरूक होना जरूरी है। जिसके लिए सतर्कता जागरूकता सप्ताह बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। इस सप्ताह में सतर्कता आयोग द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध जगह-जगह कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिसके माध्यम से लोग जागरूक होकर भ्रष्टाचार कम करने में सहयोग कर सकते हैं जो प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। इसके अलावा यह सप्ताह इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सतर्कता और जागरूकता विकासशील देशों की बढ़ती आवश्यकता है जो सामाजिक उन्नयन और परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
Input: Various Source; Edited By: Lakshya Gupta