जानिए पिछले 10 सालों में कहां से आए उत्तराखंड में 400 मस्जिद व मदरसे

मस्जिद व मदरसों का तेजी़ से निर्माण (Pexels)
मस्जिद व मदरसों का तेजी़ से निर्माण (Pexels)
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भारत शुरुआत से ही एक हिंदू राष्ट्र रहा है। जब भारत पर मुगलों का शासन हुआ करता था तब मुगलों द्वारा बहुत से मस्जिद और मदरसो का निर्माण किया गया। अतीत में भारत में जितने मस्जिद व मदरसे थे, आज के समय में वह पहले से अधिक हो चुके हैं। इसका कारण भारत में तेजी और सुनियोजित तरीके से होने वाले मस्जिद व मदरसों का निर्माण है। उत्तराखंड और यूपी जैसे राज्य में पिछले 10 वर्षों में लगभग 400 मस्जिदें और मदरसों का निर्माण किया जा चुका है साथ ही यहां मुस्लिम आबादी, जो प्रतिदिन तेजी से बढ़ती जा रही हैं, अब वह स्थानीय लोगों के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है।

रिपोर्ट से पता चला है कि भारत के पड़ोसी देश नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में पिछले 10 सालों में मुस्लिम आबादी बढ़ गई है। आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड और यूपी जैसे देश के अन्य राज्यों में आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड के कई इलाकों जैसे बनबसा, जौलजीबी पिथौरागढ़, धारचूला, खटीमा, झूलाघाट आदि में बड़ी संख्या में मस्जिदें और मदरसे बन रहे हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश के कई इलाकों जैसे बस्ती, बहराइच, गोरखपुर इलाकों में भी मस्जिदों और मदरसों का निर्माण हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में मुस्लिम आबादी और मस्जिद,मदरसों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।

आपको बता दें कि इन दोनों राज्यों के ये सभी इलाके भारत के पड़ोसी देश नेपाल की सीमा से सटे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यह गंभीर मामला है। स्थानीय लोगों का शक है कि क्षेत्र में चिन्हित करके बड़े ही चालाकी से मुसलमान अपनी आबादी बड़ा रहे हैं। राज्य में जनसांख्यिकीय असंतुलन को लेकर आवाज भी उठाई जा रही है। इस घटनाक्रम को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

भारत के पड़ोसी देश नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में पिछले दस सालों में बढ़ती हुई मुस्लिम आबादी चिंता का विषय है। (WIKIMEDIA COMMONS)

कहां से आ रही है फंडिंग?

रिपोर्ट में एक चौकाने वाले खुलासे से पता चला है कि बांग्लादेश की सीमा से पाकिस्तान की सीमा तक जाने वाले जीटी रोड पर मुस्लिम सुनियोजित तरीके से अपनी आबादी बढ़ाए जा रहे हैं। इनमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या अधिक संख्या में हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ-साथ यह सड़क बंगाल, बिहार, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों से भी निकलती है और इन सभी राज्यों में एक समूह द्वारा साजिश के तहत आबादी का नियोजन और बंदोबस्त किया जा रहा है और इसे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा सकता है।

यह भी कहा जा रहा है कि इन मस्जिदों और मदरसों की फंडिंग पड़ोसी पाकिस्तान से आ रही है और दावत-ए-इस्लामिया जैसे कुछ इस्लामिक समूह इसमें बस गए हैं। अतीत में, पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठनों ने पड़ोसी देश नेपाल का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने और भारत में अशांति पैदा करने के लिए किया है। प्रसिद्ध कंधार विमान अपहरण की घटना की भूमिका नेपाल में ही बनाई गई थी।

'लैंड जिहाद' पर सरकार भी गम्भीर

अतिक्रमण और (लैंड) भूमि जिहाद के मुद्दे पर स्थानीय लोगों के गुस्से के बाद दबाव में आई राज्य सरकार भी अब इस मामले में गंभीर नजर आ रही है.

हाल ही में उत्तराखंड में बीजेपी के पूर्व प्रदेश महासचिव गजराज सिंह बिष्ट के नेतृत्व में लोगों ने 'लैंड जिहाद' के खिलाफ रैली निकाली. शनिवार (25 सितंबर 2021) को नैनीताल में निकली इस रैली में भाजपा नेता गजराज सिंह ने लोगों से कहा "हम अपने पूर्वजों को, अपने पितरों को इस श्राद्ध में इससे अच्छा तोहफा नहीं दे सकते हैं। हमारे पूर्वजों ने मुस्लिमों की 700 वर्षों तक गुलामी सही है। कश्मीर भी पहले हमारी तरह था, लेकिन वहाँ भी एक-एक करके मुस्लिम परिवार बढ़ते गए और हिंदुओं की संख्या घटती गई। जैसे ही कश्मीर में 60% मुस्लिम हुए उन्होंने 40% हिंदुओं को भगा दिया। आज भी कश्मीर के 23% ब्राह्मण दिल्ली में शरण लिए हुए हैं।"

सरकार को इस मामले पर जल्द से जल्द संज्ञान लेकर कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

Edited By: Tanu Chauhan

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