8 दिसंबर 2021 (बुधवार) की दोपहर एक दुर्घटना की खबर ने पूरे देश में हलचल मचा दी। दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में सेना का Mi -17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया । इसमें चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 14 लोग सवार थे, जिनमें से 13 की मौत हो गयी और 1 की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है। मरने वालों में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी भी शामिल थे। हादसे की वजह खराब मौसम और कम विजिबिलिटी को माना जा रहा है। जनरल बिपिन रावत की मौत से हर कोई स्तब्ध है। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी दुख जाहिर किया है।
रावत ने देहरादून के कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से शुरूआती शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून ज्वाइन कर लिया। यहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया। वे फोर्ट लीवनवर्थ, अमेरिका में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के ग्रेजुएट भी रहे। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, मैनेजमेंट में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों (Military-Media strategic studies) पर रिसर्च के लिए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ की ओर से " डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी " से सम्मानित किया गया।
लगभग 43 वर्षों के अपने करियर के दौरान, सेना में अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए जनरल रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था।
बिपिन रावत (Bipin Rawat) एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर क्रैश के शिकार हो चुके हैं। फरवरी 2015 में, जब रावत लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर थे, उनका चीता हेलिकॉप्टर नागालैंड के दीमापुर में क्रैश हो गया था।
जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना को प्रोफेशनल आर्मी बनाने के लिए जाने जाते थे। सेना के आधुनिकीकरण में भी उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने सेना में महिलाओं की भर्ती को लेकर भी आवाज उठायी।
साल 2015 में मणिपुर में हमारी सेना पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें भारत के 18 सैनिक शहीद हो गए। 15 जवानों को गंभीर चोटें भी आयीं। भारतीय सेना ने तब इसके जवाब में सीमा पार ऑपरेशन चलाया और NSCN आतंकी ग्रुप के 60 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। जनरल रावत ने ही इस आतंकवाद विरोधी अभियान की निगरानी की थी।
इसके अलावा जब भारत ने सितंबर 2016 में उरी में एक सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में नियंत्रण रेखा पार करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तब वह थल सेनाध्यक्ष थे। बता दें की इस आतंकी हमले में हमारे 19 सैनिक मारे गए थे।
Input: Various sources; Edited By: Manisha Singh