प्रेमकथाओं से भारतीयों का मन कभी नहीं भरता : रविंदर सिंह

रविंदर सिंह, बहुचर्चित उपन्यास ‘आई टू हैड ए लव स्टोरी’ व कई अन्य किताबों के लेखक(Ravinder Singh, Twitter)
रविंदर सिंह, बहुचर्चित उपन्यास ‘आई टू हैड ए लव स्टोरी’ व कई अन्य किताबों के लेखक(Ravinder Singh, Twitter)

By: सिद्धि जैन

रोमांटिक कहानियां लिखने के लिए मशहूर लेखक रविंदर सिंह का मानना है कि भारतीयों का दिल प्रेमकथाओं से कभी नहीं भरता। रविंदर 'आई टू हैड ए लव स्टोरी', 'कैन लव हैपेन ट्वाइस' जैसे कई बहुचर्चित उपन्यासें लिखने के अलावा ढेर सारी कहानियों के संकलन वाली किताब 'लव स्टोरीज दैट टच्ड माइ हार्ट' को संपादित भी कर चुके हैं।

अपनी किताब 'यू आर ऑल आई नीड' के लॉन्च होने से पहले 38 वर्षीय इस लेखक ने आईएएनएस लाइफ संग कई विषयों पर बात की।

यह पूछे जाने पर कि आप लंबे समय से प्रेमकथाएं लिखते आ रहे हैं। इस पर भारतीयों की राय पर आप क्या सोचते हैं? सिंह ने कहा, "मुझे लगता है कि यह कभी न खत्म होने वाला है। मेरे ख्याल से इस शैली से लोगों का जी कभी नहीं भरने वाला है। हालांकि इस ट्रेंड में भी बदलाव का आना जरूरी है। लव स्टोरीज अब वैसी नहीं होनी चाहिए, जैसे दशकों पहले हुआ करती थीं। नए जमाने में नई तरह की लव स्टोरीज की जरूरत है। कई नई तरह की चुनौतियां हैं और इनमें से कुछ हमेशा के लिए बरकरार भी रहेंगे।"

उन्होंने कहा, "आजकल के रिश्तों में काफी बदलाव हो रहे हैं, पहले और आज में काफी फर्क आया है, ऐसे में अब इन लव स्टोरीज में नए जमाने के दृष्टिकोण के होने की जरूरत है, ताकि रोमांस की दुनिया में क्या कुछ हो रहा है, इस बारे में हम जान सकें। अब लेखकों को इस शैली में भिन्न-भिन्न कहानियां को लिखने की जरूरत है, न कि एक लड़का एक लड़की से मिला जैसी कहानियां।"

आपकी अगली कहानियों में और कौन-कौन से थीम देखने को मिल सकते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "पहले लिखी गई अपनी हर किताब के बारे में मैं यह कह सकता हूं कि रोमांस इनमें भले ही प्राथमिकता रही है, लेकिन इनके माध्यम से कई और विषयों पर भी बात की गई है। 'विल यू स्टिल लव मी' में मैंने सड़क सुरक्षा की बात कही है। कहानी के आखिर में इसी विषय पर आधारित संदेश है। सड़क सुरक्षा एक ऐसा उबाऊ विषय है, जिस पर लोग बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन मैं चीजों को रोमांस में डुबोकर अपने पाठकों के सामने पेश करता हूं।" (आईएएनएस)

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