मॉडर्ना वैक्सीन मरीजों को बचाने में 94 प्रतिशत असरदार

वैक्सीन की पहली खुराक के बाद रोगियों के लिए एहतियात बरतना जरूरी है। (Pixabay)
वैक्सीन की पहली खुराक के बाद रोगियों के लिए एहतियात बरतना जरूरी है। (Pixabay)
Published on
1 min read

By :- निखिला नटराजन

अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन मरीजों को बचाने में 94 प्रतिशत असरदार है। कंपनी ने सोमवार को दावा है कि यह वैक्सीन दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन तक सुरक्षित रह सकती है। एक हफ्ते पहले वैक्सीन निर्माता फाइजर की ओर से जारी बयान में पता चला था कि इसके भंडारण और परिवहन में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ एंथोंनी फौसी ने मॉडर्न परिणामों को असरदार बताया। फौसी ने कहा कि अमेरिका दिसंबर तक अपनी सबसे कमजोर आबादी का टीकाकरण शुरू कर सकता है।

कंपनी ने बताया कि यह माइनस 20 डिग्री सेल्सियस (माइनस चार फारेनहाइट) तापमान में छह महीने तक सुरक्षित रह सकती है।

इसके अलावा रेफ्रिजरेटर से वैक्सीन निकाल लेने के बाद यह 12 घंटे तक कमरे के तापमान पर सही हालात में रह सकती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के सहयोग से बनाई गई मॉडर्ना की वैक्सीन के साथ 30,000 स्वयंसेवक जुड़े हुए हैं।

एक सप्ताह पहले ही अमेरिका की ही कंपनी फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मनी की बॉयोएनटेक ने 90 प्रतिशत से ज्यादा कारगर वैक्सीन का दावा किया था। वहीं, रूस के रिसर्च सेंटर की स्पुतनिक वी वैक्सीन का असर 92 प्रतिशत रहने का दावा किया गया है। अमेरिका की एक और दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए अपनी वैक्सीन के दो डोज का तीसरी चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है। (आईएएनएस)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com